तेलंगाना में एक और BRS विधायक कांग्रेस में शामिल, लोकसभा चुनाव से पहले KCR को बड़ा झटका
तीन विधायकों के पलायन और सिकंदराबाद छावनी के विधायक की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद अब राज्य विधानसभा में बीआरएस की संख्या 35 रह गई है। पिछले दो-तीन महीने में बीआरएस के पांच मौजूदा सांसद और कई अन्य नेता कांग्रेस या बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
तेलंगाना में अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं का पार्टी छोड़ना जारी है। इसी कड़ी में रविवार को भद्राचलम से बीआरएस विधायक तेलम वेंकट राव पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी की मौजूदगी में सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। वह एक महीने से भी कम समय में कांग्रेस में शामिल होने वाले मुख्य विपक्षी दल के तीसरे विधायक हैं।
वेंकट राव हाल के विधानसभा चुनावों में भद्राचलम से चुने गए थे। जिले की 10 सीटों में से यह बीआरएस के कब्जे वाली एकमात्र सीट थी। बीआरएस के टिकट पर मैदान में उतरे वेंकट राव ने कांग्रेस उम्मीदवार को 5,719 वोटों से हराया था। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीआरएस को हराकर राज्य में अपनी सरकार बनाई है। कांग्रेस ने 30 नवंबर 2023 को हुए चुनावों में 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सीटें हासिल करके बीआरएस से सत्ता छीन ली थी। बीआरएस ने 39 सीटें जीतीं।
इससे पहले 31 मार्च को घनपुर (स्टेशन) से बीआरएस विधायक और पूर्व मंत्री कादियाम श्रीहरि और उनकी बेटी कादियाम काव्या कांग्रेस में शामिल हो गए थे। खैरताबाद से एक और विधायक दानम नागेंद्र भी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वह सिकंदराबाद क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। तीन विधायकों के पलायन और सिकंदराबाद छावनी सीट से विधायक की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद अब राज्य विधानसभा में बीआरएस का संख्या बल घटकर 35 हो गई है। पिछले दो-तीन महीने में बीआरएस के पांच मौजूदा सांसद और कई अन्य नेता कांग्रेस या बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
इस बीच, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने भद्राचलम के विधायक वेंकट राव के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी पार्टी ने एक बीआरएस विधायक को 'तोड़ लिया' है। के टी रामाराव ने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘ये कांग्रेस नाम की पार्टी का पाखंड है। कल राहुल गांधी ने पार्टी में दल-बदल और स्वत: अयोग्यता के लिए 10वीं अनुसूची में संशोधन के बारे में वाकपटुता से बात की। आज, उनकी पार्टी ने बेशर्मी से एक बीआरएस विधायक को तोड़ लिया। जब आपका मतलब यह नहीं है, तो यह नौटंकी और नाटक क्यों राहुल जी?’’
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