महाराष्ट्र में बहुमत तो मिला, लेकिन शिवसेना के तीरों से हलकान है बीजेपी, फडणवीस की कुर्सी पर फांस
महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों की स्थिति साफ हो चुकी है। राज्य में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन फिर से सरकार बनाने की स्थिति में है, लेकिन नतीजों के साथ ही बीजेपी की परेशानी बढ़ती जा रही है, क्योंकि शिवसेना ने सीएम के साथ आधे मंत्री पद की मांग रख दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे अब लगभग आ चुके हैं। अब तक के नतीजों और रुझान में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता नजर आ रहा है। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 144 है और अब तक के रूझानों में राज्य में बीजेपी को 101 सीटें मिल रही हैं, जबकि शिवसेना 58 सीटों पर जीत रही है। वहीं, विपक्षी गठबंधन में साथ चुनाव लड़ी शरद पवार की एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 45 सीटे मिलती दिख रही हैं।
अब तक के रूझानों के हिसाब से बीजेपी-शिवसेना 159 सीटों के साथ आसानी से बहुमत हासिल कर चुकी है। लेकिन यह इतना भी सीधा नहीं है, क्योंकि यहीं से महाराष्ट्र की राजनीति में ट्विस्ट शुरू हो गया है। नतीजों के आने के साथ ही शिवसेना ने राज्य के सीएम पद के साथ ही कैबिनेट में आधे मंत्री पद की भी मांग रख दी है। शिवसेना नेता इस बार प्रदर्शन के आधार पर 50-50 के फार्मूले की मांग कर रहे हैं।
दरअसल भले गठबंधन को बहुमत मिल गया हो, लेकिन नतीजे साफ बता रहे हैं कि बीजेपी को पिछली बार से कम सीटें मिली हैं। पिछली बार बीजेपी को 122 सीटें हासिल हुई थीं। यहां तक कि सीटें तो कम हुई हीं हैं, उसके अलावा सरकार में मंत्री रहे बीजेपी के कई नेता भी अपना चुनाव हार गए हैं। पीएम मोदी और अमित शाह के द्वारा अअपनी रैलियों में अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान के मुद्दे को लगातार उठाने के बावजूद बीजेपी को उम्मीद से कम सीटें मिलने से, शिवसेना ने आक्रामक रुख अपना लिया है। चुनाव रुझानों में बढ़त के साथ ही शिवसेना नेताओं की तरफ से सीएम पद कीमांग उठने लगी है, जिससे बीजेपी सकते में है।
हालांकि शिवसेना की नजर इस बार सीएम पद पर है इसके संकेत चुनाव के दौरान उस समय ही मिलने लगे थे, जब पार्टी ने मुंबई की वर्ली सीट से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा नेता आदित्य ठाकरे को चुनावी मैदान में उतारा था। आज नतीजों में उनकी जीत के साथ ही शिवसेना नेताओं ने आदित्य को सीएम बनाने की मांग उठाना शुरू कर दिया। आदित्य ठाकरे के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले सुशील शिंदे ने नतीजे आने के साथ ही आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग रख दी है।
माना जा रहा है कि बीजेपी के खिलाफ शिवसेना आगे और ज्यादा हमलावर हो सकती है। ऐसे में शिवसेना की ओर से जो बयान आ रहे हैं, उससे बीजेपी की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है, लेकिन फिलहाल बीजेपी का कोई नेता प्रतिक्रिया देना नहीं चाह रहा। रूझानों और शिवसेना के रुख के बीच एनसीपी की ओर से जो बयान आ रहे हैं, उसने भी राज्य की वर्तमान राजनीति को दिलचस्प बना दिया है। भले बीजेपी और शिवसेना साथ चुनाव लड़कर बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गए हों, लेकिन सरकारी की तस्वीर अभी उतनी ही धुंधली है। अतिंम तौर पर नतीजे आने के बाद ही स्थिति कुछ साफ हो सकती है और तब तक जीत के बावजूद बीजेपी हलकान रहेगी।
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