एनएमसी बिल के खिलाफ डॉक्टरों की हड़ताल जारी, दिल्ली के अस्पतालों में मरीज भटकने को मजबूर, देखें तस्वीरें
एनएमसी बिल के विरोध में देश भर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है। देश की राजधानी दिल्ली यह हाल है कि मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नेशनल मेडिकल कमिशन(एनएमसी) बिल के खिलाफ लगातार तीसरे दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीज और उनके परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में यह हाल है कि हड़ताल के चलते मरीजों को भटकना पड़ रहा है।
इस बीच दिल्ली में डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से मिला। इस मुलाकात के बाद डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने डॉक्टरों से मुलाकात की और बिल के कुछ प्रावधानों के बारे में उनकी गलतफहमी को दूर किया। मैं डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील करता हूं।
इससे पहले गुरूवार को भी दिल्ली सरकार और नगर निगमों के 50 से ज्यादा सरकारी अस्पतालों के करीब 20 हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। जिस वजह से मरीजों को आपातकालीन विभाग में भी सेवाएं नहीं मिल सकी। अस्पतालों में मरीज दिन भर परेशान घुमते नजर आए।
वहीं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) का कहना है कि यह विधेयक गरीब विरोधी, छात्र विरोधी और अलोकतांत्रिक है। डॉक्टरों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि हर हाल में इस बिल को संशोधित करना होगा, वरना डॉक्टरों की यह हड़ताल इसी तरह जारी रहेगी।
बता दें कि 17 जुलाई को इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई थी। मुख्यत: इस विधेयक को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के स्थान पर चिकित्सा आयोग की स्थापना के लिए लाया गया है। निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 फीसदी सीटों के लिए सभी शुल्कों का नियमन चिकित्सा आयोग करेगा। इस विधेयक के आने के बाद चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 निरस्त हो जाएगा।
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Published: 02 Aug 2019, 1:05 PM