जानें कौन है फरमानी नाज जिसके भजन गाने पर आ गया फतवा, बीती जिंदगी जानकर जारी करने वाले हो जाएंगे शर्मसार
फरमानी के भाई फतवे वाली खबर पर थोड़ा परेशान हैं और कहते हैं कि जब वह तकलीफ का सामना कर रही थी तो तब भी उसकी सुध ली जानी चाहिए थी। उसके साथ बहुत गलत हुआ था। अब जब वो अपनी आवाज के दम पर दो रोटी सुकून से खा रही है तो कम से कम समाज को भी समझना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक बेहद लोकप्रिय यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज कांवड़ यात्रा पर गाए चर्चित भजन 'हर हर शंभु' को लेकर इन दिनों काफी चर्चा में हैं। भजन गाने को लेकर उन पर जारी कथित फतवे से विवाद जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इन सारी चर्चाओं के बीच फरमानी नाज के अद्वितीय संघर्ष को याद किया जा रहा है, जो किसी भी इन्सान की आंखों में आंसू ला दे।
मुजफ्फरनगर जनपद के खतौली थाना क्षेत्र के गांव मोहम्मद पुर माफ़ी की 34 वर्षीया अत्यंत लोकप्रिय सिंगर फरमानी नाज कहती हैं, "मैं बेहद गरीब परिवार से हूँ, मेरी शादी मेरठ में की गई थी। मेरा पति मेरे सामने ही किसी दूसरी लडक़ी से बात करता था। मैंने यह बात अपने सास-ससुर को बताई। इसके बाद भी मेरे शौहर का मिजाज नही बदला, मेरे सास-ससुर उसे रोक नही पाए। मेरे पति के दिल मे मेरे लिए कोई जगह नही थी। उसने बिना मेरी इजाजत लिए दूसरी शादी कर ली। मुझे किसी ने बताया कि बिना पहली बीवी की इजाजत लिए इस्लाम में मर्द का दूसरी शादी करना जायज़ नहीं है। मेरी किसी ने नही सुनी, मैं तब भी मजबूर थी। मुझे मेरे पति ने छोड़ दिया। मैं अपने घर आ गई। मैं दाने-दाने के लिए मोहताज थी। पेट भर रोटी नही खा पाती थी।
फरमानी आगे कहती हैं, “बेटे को बड़ी बीमारी थी। मैं रोटी के लिए संघर्ष कर रही थी। मेरी मां रोती थी, मैं रोती थी। मेरा भाई दीवार से लग उदास खड़ा हो जाता था। यह वो तकलीफ थी जिसे किसी ने मुझसे आकर साझा नही किया। कोई रिश्तेदार और समाज के ठेकेदार मेरी समस्या सुनने नही आए। मेरे आंसू नही साफ किए, मेरे बेटे के सिर पर हाथ नही रखा। मैं गुड़ से रूखी रोटी खाती थी। चटनी ही मेरी सब्जी थी। मेरा भाई मजदूरी करता था। मेरे पास कुछ नही था, कुछ भी नही। मैं भीतर से खत्म हो चुकी थी। न् कोई उम्मीद थी और न् कोई सहारा, मैं बेबस थी, लाचार थी और बेसहारा थी।”
यह बताते हुए आंखों में आए पानी के भीतर दिखाई दे रही गहरी चमक के साथ चहकती हैं और बदलाव के उस दिन की कहानी चेहरे पर आई मुस्कान के साथ सुना देती हैं। फरमानी कहती हैं कि “चौथा साल है, मैं अपने चूल्हे पर गोबर की लिपाई करते हुए गाना गा रही थी। मेरे भाई फरमान ने उसे अपने दोस्त के फोन में रिकॉर्ड कर लिया और फेसबुक-यू टयूब पर डाल दिया। मैं ना फेसबुक जानती थी और ना यूट्यूब, मुझे बताया गया कि इसे एक सप्ताह में 9 मिलियन लोगों ने देख लिया है। मैं मिलियन भी नही समझती थी। मुझे बताया गया कि 90 लाख लोगों ने मेरा गाना सुन लिया है।”
फरमानी आगे कहती हैं, “मेरे तमाम रिश्तेदारों, गांववालों और पहचान वालों के फोन में मेरी वीडियो थी। मेरे खुदा ने मेरी सुन ली थी। तीन दिन के अंदर मेरे घर मे कई अंजान लोग आए। उनमें से कुछ यूट्यूबर थे। वो बता रहे थे कि वो यूट्यूब पर वीडियो बनाकर डालते हैं। एक ने मुझे कहा कि मुझे सिर्फ गाना है और जो भी पैसे आएंगे वो हम दोनों मिलकर बांट लेंगे। उसके बाद कुछ और लोग भी आ गए और हमारी एक टीम बन गई।”
फरमानी नाज की टीम बनने की कहानी भी रोचक है। इसमें ट्रेन में ढोलक बजाने वाले से लेकर खोमचा लगाकर छोले बेचने वाला तक है। देहाती फिल्मों से जुड़े स्थानीय कलाकार वसीम मंसूरी बताते हैं कि खतौली से सहारनपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में भूरा ढोलक वाला ढोलक बजाकर यात्रियों का मनोरंजन करता था और उससे कुछ पैसे जुटा लेता था। इसके अलावा खतौली गंगनहर पर छोले कुलचे बेचने वाला रविन्द्र डांस अच्छा करता था तो वो भी टीम में जुट गया।
वसीम बताते हैं कि “फरमानी आवाज़ की रानी है मगर उसके पास पैसे बिल्कुल नही थे। उसको एक स्थानीय युवक राहुल ने स्पॉन्सर किया जिसने अभी एक शानदार स्टूडियो बनाकर दिया है। फरमानी नाज के जिस भजन 'हर हर संभु ' को लेकर चर्चा हो रही है। वो इसी स्टूडियो में रिकॉर्ड हुआ था। आज फरमानी नाज एक बड़ा और मशहूर चेहरा है। देश के लोकप्रिय गायक भी सोशल मीडिया की दुनिया मे उसके सामने कहीं नही ठहरते, उसकी जादुई आवाज़ देसी तड़के के साथ लोकप्रियता के चरम पर है।”
फरमानी नाज के प्रशंसक और उसके पड़ोसी अरशद चौधरी बताते हैं कि अब फरमानी नाज बेबस और बेसहारा नहीं है। आज वो पैरों पर खड़ी है। फेसबुक और यूट्यूब पर उसके लाखों फॉलाअर हैं। वो इंडियन आइडल में अपने जौहर दिखा चुकी है। कुमार शानू के साथ गाना गा रही है। फेसबुक और यूटयूब ने उसके अकाउंट को वेरिफाई कर रखा है। अब उसकी टीम में एक दर्जन लोग काम करते हैं। वो स्टेज शो करने लगी है। वो सेलिब्रिटी बन गई है। तमाम लोग उसके साथ सेल्फी लेकर पोस्ट करते हैं। उसके बेटे का इलाज हो चुका है। सिर्फ 4 साल में उसकी जिंदगी बदल चुकी है। अरशद कहते हैं कि फरमानी नाज की कामयाबी में उसके भाई फरमान की सबसे बड़ी भूमिका है। वो न् होता तो फरमानी यहां न् होती।
फरमानी नाज का भाई फरमान अक्सर वीडियो में अपनी बहन के साथ गाना गाते हुए दिखाई देता है। फरमान हालिया विवाद को लेकर थोड़ा सा परेशान है। वो कहता है कि फरमानी एक कलाकार है और बतौर कलाकार वो नज्म और भजन दोनों गाती हैं। फ़तवे वाली बात की उन्हें जानकारी नही है। मगर वो यह जरूर कहना चाहते हैं कि फरमानी ने जब तकलीफ़ का सामना किया था तो तब भी उसकी सुध ली जानी चाहिए थी। उसके साथ बहुत ग़लत हुआ था। अब वो अपनी आवाज की कलाकारी के दम पर दो रोटी सुकून से खा रही है तो कम से कम समाज को भी समझना चाहिए।
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