‘विकास और निवेश में अव्वल रहने वाले हरियाणा को बेरोजगारी और अपराध में खट्टर सरकार ने बनाया नंबर एक’
हरियाणा से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा ने निर्वाचन का प्रमाणपत्र मिलने के साथ ही प्रदेश की खट्टर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने जननायक जनता पार्टी और निर्दलीयों की बैशाखी पर चल रही सरकार को एक बेमेल गठबंधन वाली सरकार करार दिया है।
हरियाणा से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा ने निर्वाचन का प्रमाणपत्र मिलने के साथ ही प्रदेश की खट्टर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने जननायक जनता पार्टी और निर्दलीयों की बैशाखी पर चल रही सरकार को एक बेमेल गठबंधन वाली सरकार करार दिया है। साथ ही उन्होंने इस सरकार को भ्रष्टाचार में डूबी और राज्य के लोगों से बड़े-बड़े वादे करने के बाद एक धोखेबाज सरकार करार दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा से चुने जाने वाले 15 सांसदों (10 लोस और 5 राज्यसभा) में से कांग्रेस के प्रदेश से चुने गए अकेले प्रतिनिधि के तौर पर वह संसद में हरियाणा की आवाज बनेंगे।
नवजीवन से विशेष बातचीत में दीपेंद्र हुड्डा ने स्पष्ट कर दिया कि वह राज्य में चल रही बीजेपी नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को जनता के मुद्दों पर बख्शने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि संसद में विपक्ष की वह मजबूत आवाज बनें। उन्होंने कहा कि सदन में लोकतांत्रिक संतुलन बने, वह तभी बनता है जब प्रजातंत्र में पक्ष और विपक्ष की आवाज हो। खट्टर सरकार ने हरियाणा को खुशहाली और विकास की पटरी से उतारने का काम किया है। जो हरियाणा 2014 में कांग्रेस की सरकार के समय प्रति व्यक्ति आय में नंबर एक था। विकास दर में नंबर एक था। निवेश दर में नंबर एक था और सबसे कम बेरोजगारी 2.8 प्रतिशत हरियाणा में थी। आज 6 वर्ष की सरकार की दिशाहीनता की वजह से वही हरियाणा देश में बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है। 30 प्रतिशत बेरोजगारी है। अपराध दर में नबर एक पर पहुंच गया है। नशे की चपेट में आने वाले राज्यों में सबसे पहली गिनती हरियाणा की होने लगी है। हरियाणा के युवा को अपने भविष्य को लेकर चिंता है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा को जिस तरह पटरी से इस सरकार ने उतार दिया है, उस वक्त आज सदन में एक ऐसे विकल्प की आवश्यकता है जो हरियाणा के लिए एक सकारात्मक मार्ग की वकालत वहां कर सके। वह आवाज बनने की कोशिश मैं करूंगा। सरकार के चार-पांच महीने के कार्यकाल पर दीपेंद्र ने कहा कि यह एक बेमेल गठबंधन की सरकार है। महज स्वार्थपूर्ति के लिए यह गठबंधन बनाया गया है। लोगों हक में यह गठबंधन नहीं बना है। इस बात का सबसे बड़ा सबूत यह है कि आज तक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तक जारी नहीं हुआ। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी इनका कोई वायदों को पूरा करने के लिए नहीं है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम इनका लूट और खसूट है। जनता को लूटने के ही अघोषित कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर अभी तक यह चल रहे हैं। हर तरफ सारे महकमों के माध्यमों से यह प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं। बीजेपी और जेजेपी में लड़ाई इस बात पर हो रही है कि लूटने और खसूटने के कौन कितने महकमें लिए बैठा है। बड़े से बड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, जिनको ले-देकर यह सरकार रफा-दफा कर रही है। करोड़ों का धान घोटाला सामने आया, जिसमें क्लीन चिट दे दी। शुगरफेड घोटाला, जिसमें को-आपरेटिव मिल के अंदर पूर्व सहकारिता मंत्री ने बड़े घोटाले को अंजाम दिया। उसमें भी बिना जांच के क्लीन चिट दे दी। अवैध खनन घोटाला, जिसमें खुद खनन मंत्री ने स्वीकार किया कि हजारों करोड़ का घोटाला अरावली से लेकर यमुना तक चल रहा है। इसे भी रफा-दफा करने का काम इस सरकार ने किया। कुल मिलाकर प्रदेश को लोगों को लूटने के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर यह सरकार चल रही है।
उन्होंने कहा कि जन भावनाओं के विपरीत बनाई गई यह सरकार है, क्योंकि जेजेपी ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के नाम पर लोगों से वोट लिया था। किसानों की कर्ज माफी, 11000 रुपये बेरोजगारी भत्ता, बुजुर्गों को 5100 रुपये पेंशन और हरियाणा के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत रोजगार आरक्षित करने जैसे चार बड़े चुनावे वादों के भविष्य पर दीपेंद्र का कहना है कि इस सरकार ने खुद ही कह दिया है कि वह मानती है कि यह चुनावी वादे वह पूरे नहीं कर पाएगी। किसान की कर्जमाफी पर सरकार ने खुद ही कह दिया वह स्वयं भरे। हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत रोजगार आरक्षित करने का जो बिल ये लाने की बात कर रहे हैं, वह आंखों में धूल झोंकने वाला है। पहले से ही चतुर्थ श्रेणी समेत तमाम पदों में आरक्षण का प्रावधान है। हरियाणा में जो सरकारी भर्तियां हो रही हैं उनमें बाहर के बच्चे लग रहे हैं। 18 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों में 11 भर्तियां बाहर के लोगों की हुईं। हमें कोई बाहर से ऐतराज नहीं है। क्या तमिलनाडु में 11 बच्चे हरियाणा के लगे हैं। हम तो यह सवाल पूंछ रहे हैं। अगर ऐसा है तो हमें कोई ऐतराज नहीं है। बुढ़ापा पेंशन 50 रुपये बढ़ाई। एक नवंबर से 5100 रुपये पेंशन करने का वादा था। वादे पूरे करने तो दूर की बात है यह तो जले पर नमक छिड़क रहे हैं। जो कदम यह उठा रहे हैं वह खुल कर वादाखिलाफी की तरफ उठा रहे हैं। जनता में इस बात का भारी रोष है। वादा खिलाफी की इनकी नीतियों के खिलाफ हम आवाज उठाएंगे।
इस सरकार में हुए घोटालों के खिलाफ आवाज संसद में उठाने के सवाल पर दीपेंद्र का कहना है कि बिल्कुल हम उठाएंगे। जिस तरह से जन विरोधी नीतियों के साथ यह सरकार चल रही है। लोगों का तिरस्कार करके चल रही है। लोगों की भावनाओं को रौंदते हुए सरकार चल रही है। लूटने-खसोटने का काम किया जा रहा है। हरियाणा के युवा के भविष्य को अंधकार में धकेला जा रहा है। ऐसे में विपक्ष की आवाज मजबूती से संसद में उठाना मैं अपना कर्तव्य मानता हूं।आज अगर सबसे ज्यादा विपक्ष की आवाज की कहीं आवश्यकता है तो वह हरियाणा है, जिसकी आवाज संसद में पहुंचे। इसकी पूर्ति करने का मैं पूरा प्रयास करूंगा। आज तक के राजनीतिक सफर में लगातार चार चुनाव में लोगों ने बढ़कर मेरा समर्थन किया है। रिकार्ड मतों से हर बार जिताने का काम किया है। इस बार भी पूरे उत्तर भारत में सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर वोट मेरी झोली में आए। हालांकि, मै चुनाव नहीं जीत पाया, लेकिन इसमें लोगों की कोई कमी नहीं थी।
मध्यप्रदेश की सियासी स्थिति पर दीपेंद्र ने कहा कि मुझे बहुत ही ह्दय से पीड़ा है कि स्वयं मेरे एक निकटतम साथी रहे, बहुत करीबी दोस्त रहे, राजनीतिक और आत्मिक तौर पर जुड़े रहे एक ऐसे साथी, जिनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा हम दोनों चले भाई की तरह से। वह जब परिवार छोड़ेंगे तो खुशी की बात तो नहीं होगी। इससे ज्यादा कोई दुख की बात तो नहीं हो सकती। मगर, राजनीतिक विचारधाराएं अपनी जगह रहती हैं। यह कोई न भूले। व्यक्ति आते हैं, जाते हैं। आज उत्तर भारत में कांग्रेस पार्टी निश्चित तौर पर एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है, लेकिन लोगों के आने-जाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। हम सब मिलकर मेहनत करेंगे और आने वाले समय में कांग्रेस मजबूती से उभरकर सामने आएगी।
कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सरकार की पर्याप्त तैयारियां के सवाल पर दीपेंद्र ने कहा कि आज राजनीति से ज्यादा मैं इस पर लोगों से सहयोग चाहूंगा। हमें एक जनांदोलन के तौर पर इससे निपटना होगा। मैं नवजीवन के माध्यम से सबसे आग्रह करना चाहूंगा कि 31 मार्च तक वह अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द करें। राज्यसभा चुनाव के बाद हमने भी पूरे राज्य से मिले नागरिक अभिनंदन के निमंत्रण को रद्द करा दिया है। आज के दिन हर नागरिक को इससे निपटने के लिए खुद आगे आना चाहिए। इस समस्या का मुकाबला करने के बाद हम स्थिति का विश्लेषण करेंगे और लोगों के सामने खाका रखेंगे। राहुल जी ने सरकार को सबसे पहले एक चेतावनी दी थी।
‘क्या क्रॉस वोटिंग के डर से उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारने जा रही बीजेपी ने अंतिम समय में पैर वापस खींच लिए’ के सवाल पर दीपेंद्र ने कहा कि मैं निर्दलीय और जननायक जनता पार्टी के उन विधायकों का आभारी हूं, जिन्होंने रातोंरात हमारे प्रति अपना समर्थन जताया और खुलकर साथ आए। हमें आश्वासन दिया, उससे हमारा बहुत मनोबल बढ़ा। मैं उन सभी निर्दलीय और जेजेपी विधायकों को विश्वास दिलाता हूं कि उन्होंने जो समर्थन दिया उसका मैं हमेशा आभारी रहूंगा। यह समर्थन उन्होंने उस वक्त दिया जब बीजेपी ने अपने तीसरे उम्मीदवार के कागज तक तैयार कर लिए थे। समय आने पर मेरा प्रयास होगा कि आज वह जैसे हमारे साथ खड़े रहे, कभी मेरे से कुछ हो सका तो मैं भी अपनी तरफ से पीछे नहीं हटूंगा। यह मैं उन सभी विधायकों को संदेश देता हूं। पूरी तैयारी के बाद भी बीजेपी और इस गठबंधन ने तीसरा उम्मीदवार उतारने से पैर पीछे क्यों खींचे यह प्रश्न मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए। कोई तो कारण रहा होगा, जो तीसरा उम्मीदवार बीजेपी ने नहीं उतारा।
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