जयंती विशेष: पीवी नरसिम्हा राव को कांग्रेस और पीएम मोदी ने किया याद, जानें उनका राजनीतिक सफर
आज भारत के 9वें प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की जयंती है। वह देश के पहले दक्षिण भारतीय प्रधानमंत्री थे। नरसिम्हा राव को भारत में ‘लाइसेंस राज’ की समाप्ति और आर्थिक सुधारों की नीति की शुरुआत के लिए याद किया जाता है।
पीएम मोदी और कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को उनकी 98वीं जयंती पर याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव एक महान विद्वान और अनुभवी प्रशासक थे, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “उन्हें राष्ट्रीय प्रगति में योगदान देने और अग्रणी कदम उठाने के लिए याद किया जाएगा।”
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश के आर्थिक सुधारों में राव का बहुत बड़ा योगदान रहा है, जिसे हमेशा याद किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी ने राव को एक दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख आर्थिक परिवर्तनों की देखरेख की और लाइसेंस राज को खत्म किया। पार्टी ने कहा, “राष्ट्र के लिए उनका योगदान हमेशा हमारी स्मृति में अंकित रहेगा।”
बता दें कि पीवी नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून 1921 को तेलंगाना में हुआ था। वह शुरुआती दिनों में ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री का पद संभालने से पहले वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। नरसिम्हा राव राव 1991 से 1996 तक प्रधानमंत्री रहे। नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, जिन्होंने आर्थिक सुधारों की व्यापक पहल की थी। छह बार सांसद रहे राव का जन्म 28 जून, 1921 को हुआ था। 2004 में 83 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।
नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान देश की अर्थव्यवस्था समाजवादी से एलपीजी की तरफ बढ़ी और भारत की अर्थव्यवस्था को बाहरी दुनिया के लिए खोल दिया गया था। अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष नीति की शुरुआत उन्होंने ही कराई थी। नरसिम्हा राव राजनेता के साथ-साथ कई भाषाओं के विद्वान् भी थे। उन्हें 17 भाषाओं में बोलने की महारत हासिल थी, जिनमें तेलुगु, तमिल, मराठी, हिंदी, संस्कृत, उड़िया, बंगाली, गुजराती , अंग्रेजी, फ्रांसीसी, अरबी, स्पेनिश, जर्मन और पर्शियन शामिल हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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