दिलीप कुमार ने तो कह दिया था मेरे साथ बच्ची की तरह लगती हैं सायरा बानो, फिर कैसे हो गई दोनों की शादी !
सायरा बानों, पश्चिमी परिवेश में पली बढ़ी और भारतीय परंपरागत महिला के किरदार में सशक्त अभिनय करने वाली इस बेपनाह खूबसूरत अभिनेत्री का आज जन्म दिन है। उनकी शादी हिंदी सिनेमा के सुपर स्टार दिलीप कुमार से हुई। लेकिन दिलीप साहब ने तो एक बार कह दिया था कि वह उनके सामने बच्ची लगती हैं।
बेपनाह खूबसूरत और एलीट क्लास में पली बढ़ीं सायरा बानो की शिक्षा लंदन में हुई। पिता एहसान अहमद, इंजीनियर और फ़िल्म प्रोड्यूसर थे, जबकि मां नसीम बानो इतनी खूबसूरत अभिनेत्री थीं कि उन्हें परी चेहरा नसीम कहा जाता था। सायरा भी अभिनेत्री बनना चाहती थीं उन्होंने अपनी इच्छा पूरी भी की और पर्दे पर आधुनिक भारतीय युवती के रोल में सराही भी गयी।
23 अगस्त, 1944 को जन्मीं सायरा बानो ने इंग्लैंड से पढ़ाई पूरी कर मुंबई में फ़िल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। उनकी मां के पूर्व परिचित निर्माता निर्देशक सुबोध मुखर्जी ने 1961 में सायरा बानो को लेकर जंगली नाम से फ़िल्म बनायी। लगातार फ्लाप फ़िल्में दे रहे शम्मी कपूर इसी फ़िल्म से स्टार बन गए, और सायरा बानो को पहली ही फिल्म में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फ़िल्मफेयर अवार्ड के लिये नामांकित किया गया। सुबोध मुखर्जी ने अपनी अगली फ़िल्म शागिर्द में सायरा को अपने बेटे जाय मुखर्जी की हिरोइन बनाया। ये फ़िल्म भी हिट हो गयी।
सायरा बानो ने अपने समय के सभी प्रमुख अभिनेताओं के साथ फ़िल्में कीं। उनमें मनोज कुमार के साथ "शादी", राजेंद्र कुमार के साथ "आई मिलन की बेला", "झुक गया आसमान", "अमन", राजकपूर के साथ "दीवाना", शम्मी कपूर के साथ "ब्लफ मास्टर", देवआनंद के साथ "प्यार-मोहब्बत", धर्मेद्र के साथ "आदमी और इंसान", "पॉकेटमार", "ज्वारभाटा", "साजिश", "चैताली", सुनील दत्त के साथ "पड़ोसन", "नहले पे दहला", विश्वजीत के साथ "अप्रेल फूल", जॉय मुखर्जी के साथ "दूर की आवाज", "साज और आवाज", दिलीप कुमार के साथ "गोपी", "सगीना", "बैराग", नवीन निश्चल के साथ "विक्टोरिया नंबर 203", "पैसे की गुडिया", अमिताभ बच्चन के साथ "जमीर" और "हेरा-फेरी" जैसी फ़िल्में चर्चित हुईं।
लेकिन, सायरा ने अपने प्यार को पाने के लिये तब फ़िल्मों को ठोकर मार दी जब वे शीर्ष पर पहुंच चुकी थीं. 70 के दशक में सायरा बानो ने उन दिलीप कुमार के साथ विवाह कर लिया जिन्हें वे बचपन से प्यार करती थीं। उस समय दिलीप कुमार 48 साल के थे और सायरा की उम्र थी 22 साल। सायरा से शादी करने से पहले यह तय हो गया था कि वे शादी के बाद फ़िल्में नहीं करेंगी। सायरा एक ग्लैमर गर्ल के रूप में फ़िल्मों में स्थापित हुई थीं लेकिन शादी, चैताली और सगीना जैसी फ़िल्मों में उन्होंने साबित कर दिया कि वे गंभीर अभिनय में भी किसी से पीछे नहीं हैं।
सायरा की शादी के कुछ साल के बाद मनोज कुमार ने दिलीप कुमार को इस बात के लिये राजी कर लिया कि सायरा बानो उनकी फिल्म पूरब पश्चिम में काम कर लें। इसके बाद सायरा ने कुछ और फ़िल्में भी कीं लेकिन पूरी तरह से फ़िल्मी जीवन में शामिल नहीं हुईं।
सायरा ने कामयाब फ़िल्मी जीवन बिताया लेकिन इसे वे अपनी उपलब्धि नहीं मानती थीं। उन्हें फ़िल्मी जीवन का सबसे बड़ा अवार्ड तब मिला जब पर्दे पर दिलीप कुमार के साथ उनकी जोड़ी बनी। दरअसल सायरा शुरू से ही दिलीप कुमार के साथ काम करना चाहती थीं लेकिन दिलीप कुमार का मानना था कि सायरा उनके सामने बच्ची लगती हैं और दर्शक उनकी जोड़ी को स्वीकार नहीं करेंगे। सायरा इस बात से बहुत दुखी हुईं। और जब गोपी, सगीना और बैराग में सायरा के साथ दिलीप काम करने के लिये राजी हो गए तो सायरा बानो को सब कुछ हासिल हो गया।
सायरा बानो का नाम धर्मेंद्र, राजेंद्रकुमार और जॉय मुखर्जी के साथ भी जोड़ा गया। काफी समय तक सायरा के रोमांस के किस्से भी पत्र पत्रिकाओं में छपते रहे लेकिन सायरा ने बहुत समझदारी से स्थितियों को संभाले रखा और उनके वैवाहिक जीवन पर उनकी वजह से कोई आंच नहीं आयी। यहां तक की जब दिलीप कुमार ने अस्मां नाम की महिला से निकाह कर लिया, तब भी सायरा धैर्य से दिलीप कुमार के लौटने का इंतज़ार करती रहीं।
फिलहाल सायरा बानो दिलीप कुमार की देख भाल के साथ समाज सेवा के कामों से जुड़ी रहती हैं। फुर्सत मिलने पर उन्हें वो फ़िल्में देखना अच्छा लगता है जिनमें उन्होंने दिलीप कुमार के साथ काम किया हैं। उन फ़िल्मों को वे पचासों बार देख चुकी हैं लेकिन उन्हें बार बार देख कर भी उनका दिल नहीं भरता।
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