हैप्पी बर्थडे रणवीर सिंह: सजीला, भड़कीला एक्टर, जो अभिनय के ऊंचे सुरों की लय पर तैरता है
रणवीर सिंह का आज जन्मदिन है। सज्जनताऔर खिलंदड़ापन लिए यह अभिनेता खुद को अतरंगी व्यक्तित्व का मानता है। ऐसे में हमें कभी पता ही नहीं चलता कि असली रणवीर आखिर है क्या।
रणवीर सिंह ने जिस सुपर स्टारडम को हासिल किया है, वह किस्से कहानियों की बात लगती है। वह फिल्म इंडस्ट्री के बाहर से आए थे और शुरु में उन्हें ऐसा शोबाज और बातूनी माना जाता था जो आत्ममुग्धता का शिकार है। एक बड़े फिल्ममेकर ने तो उन्हें ‘दूसरा विवेक ओबरॉय’ तक कह दिया था। इस कामायाब फिल्ममेकर का कहना था कि, “आखिर आदित्य चोपड़ा को इस लड़के में नजर क्या आया?”
लेकिन आज हमें जवाब मालूम है, आदित्य चोपड़ा ने रणवीर में वही देखा जो दीपिका पादुकोण को नजर आया।
इसी ढिठाई और भड़कीलेपन के पीछे ही छिपा था वह व्यक्तित्व जिसने हर आलोचना को धता बता दिया। रणवीर भड़कीले हैं, लेकिन उन्हें देखकर उकताहट नहीं होती। गायन की तरह ही अभिनय में भी ऊंचे सुर बनाये रखना बहुत मुश्किल होता है। रणवीर इन्हीं ऊंचे अभिनय सुरों पर सवार रहते हैं और निरंतरता के साथ प्रभावी अभिनय कर रहे हैं।
जैसे किसी ऊंचे सुर वाले गायक के लिए आवाज को काबू में रखना मुश्किल होता है, उसी तरह हमारे फिल्म उद्योग में कई बार ऐसे अभिनेताओं को नकार दिया जाता है। लेकिन रणवीर किसी ऐसे गीत को गुनगुनाते तक नहीं जो उन्हें पूरी तरह समझ न आए। वह अपनी धुन के पक्के हैं। वह हर उस चीज़ को हासिल कर लेते हैं जो वह चाहते हैं, भले ही दुनिया कुछ भी कहती रहे।
भव्य फिल्में बनाने वाले फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने अब तक रणवीर सिंह के साथ तीन फिल्में बनाई हैं। उनका कहना है कि रणीवर में अथाह अभिनय भरा है। वे कहते हैं, “मैंने रणवीर के साथ तीन फिल्में की हैं, हर फिल्म में उन्होंने मुझे हैरान किया है। एक अभिनेता के तौर पर वह लगातार कुछ नया करने, अपने अंदर के भय और असुरक्षा की अभिव्यक्ति के नये तरीके ईजाद करने की कोशिश में रहते हैं। वह बेचैन रहते हैं और हरदम कुछ न कुछ जानना चाहते हैं। हर बार जब हमने साथ काम किया, वह अभिव्यक्ति की नई भाषा लेकर हाजिर हुए हैं। मेरा मानना है कि एक अभिनेता के तौर पर रणवीर अभी बहुत कुछ नया हमारे सामने पेश करने वाले हैं।”
संजय लीला भंसाली की फिल्म के सेट पर ही रणवीर और दीपिका के बीच प्रेम का अंकुर फूटा था। हालांकि अभी इसका सार्वजनिक ऐलान बाकी है, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हीरोइन ऐसा चाहती है। रणवीर यूं भी महिलाओं का बेहद सम्मान करते हैं, यह बात तो उनके साथ काम कर चुकी हर अभिनेत्री कहती है। भले ही उनके साथ पहली फिल्म बैंड, बाजा, बारात’’करने वाली अनुष्का शर्मा उनके भड़कीले तेवरों से शुरु में चिढ़ी हों, लेकिन वह भी उनकी तारीफ ही करती हैं। रणवीर सिंह काफी सभ्य होने के साथ-साथ मजाकिया भी हैं, वह किसी महिला को कुर्सी पेश करते हैं, तो मजाक में कुर्सी खींच भी लेते हैं।
सज्जनता और खिलंदड़ापन लिए यह अभिनेता खुद को अतरंगी व्यक्तित्व का मानता है। ऐसे में हमें कभी पता ही नहीं चलता कि असली रणवीर आखिर है क्या। ऐसा लगता है कि रणवीर हर वह रंगीन चरित्र है जिसे उन्होंने बड़े पर्दे पर जीया है, या आने वाले वक्त में वह जीयेंगे।
रणवीर फिल्म जगत के बाहर से आए हैं और उनका कोई गॉडफादर नहीं है, वे एक सेल्फ-मेड स्टार है, यह कहना थोड़ा सही नहीं होगा। फिल्म जगत के दो बड़े फिल्म मेकर आदित्य चोपड़ा और संजय लीला भंसाली उन पर फिदा हैं। रणवीर को रणवीर बनाने में इन दोनों का बहुत बड़ा हाथ है। लेकिन यह विडंबना है कि संजय लीला भंसाली की तीन फिल्मों के अलावा रणवीर ने जो भी फिल्में कीं, उनमें वे चमक नहीं पाए। आदित्य चोपड़ा के साथ उनकी पिछली फिल्म बेफिक्रे तो बुरी तरह पिट गई थी।
अब वे रोहित शेट्टी की सिम्बा और जोया अख्तर की गली बॉयज़ में नजर आएंगे। देखना होगा कि ये दोनों डायरेक्टर उनसे ऐसा क्या निकाल पाते हैं जो भंसाली नहीं निकाल सके। और लोगों को इन फिल्मों का बेसब्री से इंतजार भी है। ऐसे में बर्थडे बॉय रणवीर के लिए इससे अच्छा और क्या समय हो सकता है, भले ही उनके प्रतिद्धंदी रनबीर कपूर संजू की अपार सफलता की लहरों पर सवार हों।
यह रोचक है कि संजू में रनबीर कपूर का रोल पहले रणवीर सिंह को ऑफर हुआ था, बिल्कुल वैसे ही जैसे भंसाली की रामलीला में रणवीर सिंह का रोल पहले रनबीर कपूर को ऑफर हुआ था। लेकिन कहते हैं न, कि जब कुदरत सबकुछ तय करे, तो किस्मत भी चकमा खा जाती है।
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