अमेठी संग्राम: किशोरी लाल शर्मा को जीत का भरोसा, बताते हैं- लोगों ने 2019 में कर दी थी गलती, इस बार ऐसा नहीं होगा
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अमेठी सीट पर 20 मई को मतदान है। यहां से इस बार कांग्रेस ने पुराने कार्यकर्ता किशोरी लाल शर्मा को उतारा है। एक खास बातचीत में शर्मा कहते हैं कि लोगों को अपनी गलती का ऐहसास हो चुका है और इस बार जीत कांग्रेस की तय है।
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा बीते करीब तीन दशक से रायबरेली में हैं और 1983 से अमेठी लोकसभा क्षेत्र में तब से ही काम कर रहे हैं जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यहां युवाओं के लिए कार्यक्रम शुरु किया था।
मूलत: पंजाब के लुधियाना के किशोरी लाल शर्मा सांसद प्रतिनिधि के तौर पर अमेठी में राजीव गांधी के दौर से काम करते रहे हैं। राजीव गांधी अमेठी से 1981, 1984, 1989 और मृत्योपरांत 1991 में यहां से विजयी हुए। राजीव गांधी की मृत्यु के बाद शर्मा सोनिया गांधी के लिए काम करते रहे और उन्होंने 1999 के चुनाव में सोनिया गांधी की रिकॉर्ड मतों से जीत सुनिश्चित की। और जब सोनिया गांधी ने 2004 में यह सीट राहुल गांधी को सौंप कर रायबरेली को चुना तो शर्मा दोनों ही सीटों का कामकाज देखने लगे। इसके अलावा 2013 में सीपी जोशी के साथ शर्मा बिहार के प्रभारी भी रहे।
किशोरी लाल शर्मा मानते हैं कि जमीनी स्तर पर उनका लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव ही अमेठी में उनकी जीत सुनिश्चित करेगा। नेशनल हेरल्ड से बात करते हुए वे कहते हैं, “मैं यहां 40 साल से काम कर रहा हूं। क्या मेरे लोगों के साथ गहरे रिश्ते नहीं होंगे? यहां के लोग मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। मैं उनमें से ही हूं।”
63 वर्ष के शर्मा के लिए प्रचार करना और चुनाव लड़ना कोई नया काम नहीं है। वे बताते हैं, “कुछ खास नहीं बदला है। इस बार मैं अपने लिए चुनाव लड़ रहा हूं (बजाए किसी और नेता के)। अब मैं अकेला नहीं हूं, कई लोग मेरे लिए प्रचार कर रहे हैं। गांधी परिवार ने भी अमेठी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ जनसभाएं की हैं।”
किशोरी लाल शर्मा बताते हैं कि उनका प्रचार करने वाली टीम को में कुछ वरिष्ठ नेता भी दिशा-निर्देश दे रहे हैं। वे कहते हैं, “यह कोई नई बात नहीं है और मैं भी कोई नया नहीं है। मुझे लोगों का प्यार मिल रहा है। पहले वे मुझे सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में जानते थे। तब भी मैं यहीं था और अब भी मैं लोगों के लिए ही काम करने के लिए मैदान में उतरा हूं।”
शर्मा की उम्मीदवारी का ऐलान 3 मई को हुआ था और उन्हें प्रचार के लिए बमुश्किल 15 दिन का वक्त मिला। लेकिन वे इससे परेशान नहीं हैं। वे कहते हैं, “मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने की कोशिश कर रहा हूं। बहुत से लोग हैं टीम में जो प्रचार और अन्य काम देख रहे हैं और सबकुछ काबू में है।” अमेठी में पांचवें दौर में 20 मई को मतदान होना है और 18 मई को प्रचार खत्म हो जाएगा।
लेकिन शर्मा एक बात दोहराते हैं कि इस बार का चुनाव 2019 के मुकाबले अलग है। वे बताते हैं कि पहले कुछ मुद्दे थे और जोर देते हैं कि उन्हें सुलझा लिया गया है। वे दावा करते हैं कि इस बार कांग्रेस अमेठी और रायबरेली दोनों ही सीटें जीतेगी।
किशोरी लाल शर्मा भरोसे के साथ कहते हैं, “यह लंबे समय से कांग्रेस का गढ़ रहा है। साथ ही लोगों को भी समझ आ गया है कि बीजेपी उनके लिए कुछ नहीं करने वाली। आखिर मौजूदा सांसद ने यहां के लोगों के लिए किया ही क्या है। जाइए और लोगों से पूछिए, वे खुद ही बता देंगे कि 2019 में उनसे गलती हो गई थी। इस बार ऐसा नहीं होगा।”
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