विष्णु नागर का व्यंग्य: 'मूर्खता अनलिमिटेड' के लिए भारत पर टिकी दुनिया की नजरें, बीजेपी-संघ को सारा श्रेय!
भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान, तीनों के नोबेल पुरस्कार मोदी जी को देने का अनौपचारिक निर्णय हो चुका है, क्योंकि उन्हीं की प्रेरणा और वैज्ञानिक बुद्धि से भारत ने इतनी महान उपलब्धियां इतने कम समय में हासिल की हैं।
मैं सोच रहा था कि 'पाजिटिविटी अनलिमिटेड' की 'अपार सफलता' के बाद संघ अब 'मूर्खता अनलिमिटेड' पर भी व्याख्यानमाला आयोजित करेगा। इसमें एक व्याख्यान स्वयं भागवत जी देंगे और इस बार मोदी जी को भी मंच दिया जाएगा, मगर खेद है कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश के चुनावों की तमाम तैयारियों के बीच इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना आश्चर्यजनक और खेदजनक है। क्या संघ चाहता है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश का चुनाव भी हार जाए?
मूर्खता के विभिन्न क्षेत्रों में संघ और बीजेपी ने पिछले सात वर्षों में जो अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं, उनकी विश्व भर में अनलिमिटेड चर्चा है। दुनिया अब हमारी ओर आशाभरी नजरों से देखने लगी है। चारों ओर छाई निराशा के बीच भारत ही एकमात्र ऐसा देश दिखाई देता है, जहां नित्यप्रति मूर्खता की दुनिया में दैनिक अन्वेषण संभव रह गए हैं। इस क्षेत्र में भारत का मान बढ़ाने का श्रेय अकेले बीजेपी-संघ को जाता है। इसके लिए इन दोनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन न करना अकृतज्ञता होगी। कम से कम मैं ऐसी चूक नहीं करूंगा। निवेदन है कि आप भी न करें!
यह भारत में ही संभव है कि बाबा रामदेव और आदित्यनाथ को अरस्तू और प्लेटो के समान दार्शनिक का दर्जा देकर उनकी पुस्तकें विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाएं। इसके अगले ही दिन देसी गाय की पीठ में सोने की खोज करके दुनिया का पुनः मनोरंजन किया जाए। हम अब गर्व से यह कहने की स्थिति मे हैं कि मोदी जी के आविष्कारों के परिणामस्वरुप आज नाले की गैस का उपयोग चाय बनाने में बहुत बड़े पैमाने पर होने लगा है और बादलों में छिप जाने के कारण हमारे लड़ाकू विमानों को दुश्मन के अच्छे से अच्छे रडार भी पकड़ नहीं पा रहे हैं!
भारत अकेला ऐसा देश है, जिसने डार्विन की थ्योरी को गलत सिद्ध करके दुनिया के सामने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम भारतीयों (इसे हिंदू पढ़ें) के पूर्वज बंदर से विकसित होकर मनुष्य नहीं बने थे। देसी गायें अब सांस के साथ आक्सीजन का प्रभूत उत्पादन करने लगी हैं। कम लोगों को यह मालूम है कि कोरोना के दौरान आक्सीजन की कमी को भारत ने इसी प्रकार दूर किया है। हम शीघ्र ही इस पवित्र आक्सीजन का निर्यात विदेशों में करने वाले हैं!
महर्षि कणाद ने अपने समय में परमाणु परीक्षण किया था, यह सिद्ध हो जाने के बाद अमेरिका, रूस, चीन सबके वैज्ञानिकों और नेताओं के चेहरे लटके हुए हैं। तमाम देशों के वैज्ञानिक अब अपनी किताबों में संशोधन करने को बाध्य हैं। मोदी जी ने जब से यह ज्ञान दिया है कि टीवी की खोज भारतीय ऋषियों ने की है, तब से हिन्दू जनता टीवी देखने में विशेष गौरव का अनुभव करने लगी है। गोमूत्र के व्यापक उपयोग से आज भारत कैंसर से मुक्ति पा चुका है और ताली- थाली बजाकर भारत ने एक बार फिर से कोरोना पर अंतिम विजय पा ली है। आगे भी जरूरत पड़ी तो इसी प्रकार कोरोना पर अंतिम विजय पाने का अभियान जारी रहेगा!
भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान, तीनों के नोबेल पुरस्कार मोदी जी को देने का अनौपचारिक निर्णय हो चुका है, क्योंकि उन्हीं की प्रेरणा और वैज्ञानिक बुद्धि से भारत ने इतनी महान उपलब्धियां इतने कम समय में हासिल की हैं। भारत के जगद्गुरु होने में कल तक जिन्हें संदेह था, उनके दिमागों के जाले अब झड़ चुके हैं। हमारे जगद्गुरुत्व की खिल्ली उड़ाने वालों को मुंह छुपाने की जगह नहीं मिल रही है। उन्होंने मुझसे निवेदन किया था कि कम से कम आप तो हमें जगह दे सकते हैं, मगर मैंने भी मना कर दिया है। अपने घर पर छापे पड़वाने और सीबीआई के आफिस में छह दिन तक सवालों के जवाब देने का शौक मुझे नहीं है!
खुशी की बात यह है कि आज मोदी-विरोधी भी खुले मन से यह स्वीकार कर रहे हैं कि मोदी-भागवत की जोड़ी के कारण भारत मूर्खता के नये शिखर छूने में समर्थ हुआ है। मैं बीजेपी विरोधियों की इस बात के लिए तारीफ किये बगैर नहीं रह सकूंगा कि राजनीतिक मतभेद भुला कर उन्होंने इस उपलब्धि को रेखांकित करने में पर्याप्त उदारता बरती है, जो भारत में दुर्लभ होती जा रही थी। इससे आशा बंधी है कि लोकतंत्र भारत में जिंदा रहेगा!
मैं आशा करता हूं कि लोकतंत्र के हित में विपक्ष भी मूर्खता के क्षेत्र में बीजेपी को मिली चहुंमुखी सफलता से प्रेरित होकर कुछ सीखेगा, हालांकि इसके लक्षण अभी दिखाई नहीं दे रहे हैं। वह शायद डर रहा है कि कहीं संघ परिवार मूर्खता पर अपने कॉपीराइट का केस उस पर न जड़ दे। सौ-सौ करोड़ के मुकदमे कहीं उनके तमाम नेताओं पर दायर न कर दे, वरना लेने के देने पड़ जाएंगे!
उनके इस डर को मैं अच्छी तरह समझता हूं। मैं चाहता हूं कि विपक्ष आगे भी मोदी जी से सहयोग करता रहे और संघ-बीजेपी को मूर्खता के पथ पर निष्कंटक चलने दे। मुझे विश्वास है कि विपक्ष मेरी बात सुनेगा। उसके हारे हुए उम्मीदवारों को मैंने 2014 और 2019 में समर्थन दिया था। मैं आश्वासन देता हूं कि 2024 में वोट देने का सौभाग्य मुझे मिला तो मैं फिर से यही करूंगा। इसके बाद भी विपक्ष मेरी बात नहीं सुनेगा तो फिर मेरे सामने विकल्प क्या रहता है, सिवाय इसके कि मैं उसी को तीसरी बार भी वोट दूं!
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