विष्णु नागर का व्यंग्य: महानुभावों अपनी गद्दी पर आए खतरे को धर्म पर आए खतरे के खाते में मत डालो

अरे सारी दुनिया के सारे हिंदुओं का टेंशन तुम मत लिया करो। तुम टेंशन लोगे भी सारी दुनिया के हिंदू यहां नहीं आनेवाले। जिस तरह तुम कुछ भी कर लो, यहां के मुसलमान, पाकिस्तान नहीं जानेवाले।

प्रतीकात्मक तस्वीर
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विष्णु नागर

आदित्यनाथ जी ने कहा है कि हिंदू धर्म खतरे में है। जब से ये लोग सत्ता में आए हैं, बेचारा हिंदू धर्म खतरे में है और जब तक ये सत्ता के आसपास भी रहेंगे , हिंदू धर्म खतरे से निकल नहीं सकता। इनके लिए इससे बड़ी खुशी कोई नहीं कि हिंदू धर्म - जिसकी आजकल इन्होंने ब्रांडिंग सनातन धर्म के नाम से कर रखी है - खतरे में रहे‌। ये ईश्वर से केवल एक ही प्रार्थना करते हैं कि हिंदू धर्म खतरे में रहे,ताकि इनका वोट बैंक सुरक्षित रहे। हिंदू धर्म खतरे से बाहर निकलने की कोशिश करता है तो ये हाथ- पांव पकड़कर फिर उसे खतरे में झोंक देते हैं। वह खतरे में न रहे तो ये खतरे में आ जाते हैं। आजकल साहेब की ही नहीं, आदित्यनाथ जी की सियासत खतरे में है, इसलिए हिंदू धर्म कुछ अधिक ही खतरे में है। इनकी पार्टी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के भरोसे बम- बम थी और उसीने लोकसभा चुनाव में इन्हें धोखा दे दिया ।इनसे छीनकर बहुत सी सीटें सपा और कांग्रेस को दे दीं। इससे इनकी गद्दी  खतरे में आ गई तो ‌ हिंदू धर्म  भी खतरे में आ गया।

संघी प्रजाति को जहां भी दिखता है, हिंदू और हिंदू धर्म ही दिखता है और हमेशा खतरे में ही दिखता है। इससे अधिक इन्हें कुछ दिखता नहीं ।भारत में इन्हें भारत नहीं, सब भारतीय नहीं, केवल हिंदू और हिंदू धर्म दिखता है। इन दिनों पूरा बांग्लादेश खतरे में है मगर इनको अर्जुन की आंख से केवल हिंदू धर्म खतरे में दिख रहा है। वहां हिंदू धर्म अगर खतरे में है और हिंदू धर्म का ठेका चूंकि तुम्हारे पास है, तो जाओ,हिंदू वीरों ,जाओ और जा कर धर्म की रक्षा करो। आग में कूद जाओ। वहां धर्म खतरे में है तो इतना बड़ा संघ यहां क्या कर रहा है?इतना ही हिंदू धर्म से प्रेम है तो माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय प्रधानमंत्री जी से कहें कि वहां हिंदू  और हिंदू धर्म खतरे में है, तो कम से कम बार्डर ही खोल दीजिए। आने दीजिए हिंदुओं को अगर आना चाहें। हिंदू धर्म बच जाएगा। हिंदू धर्म तो पाकिस्तान-अफगानिस्तान में भी खतरे में आता रहता है, धर्म की रक्षार्थ वहां के हिंदुओं को भी यहां आने दो। यहां का नागरिकता दो। कानून बना तो रखा है तुमने। वैसे भी तुम कहते हो, मुसलमानों की बढ़ती आबादी से हिंदू खतरे में हैं। तो जाओ, बुला लाओ इन्हें। जो भी हिंदू जहां है, उसे यहां बुला लाओ यहां। आबादी बढ़ाओ।


वैसे भी तुम अखंड भारत वाले हो। सबको निमंत्रण दे आओ। टालो हिंदू धर्म पर आनेवाले सभी खतरे। अभी तो तुम्हारा ये हाल है कि तुम शेख हसीना को भारत में स्थायी शरण देने से डर रहे हो। उन्हें यहां से जल्दी से जल्दी रवाना करने की फिराक में हो और बांग्लादेश से लगी सभी सीमाएं तुमने सील कर रखी हैं!

अरे सारी दुनिया के सारे हिंदुओं का टेंशन तुम मत लिया करो। तुम टेंशन लोगे भी सारी दुनिया के हिंदू यहां नहीं आनेवाले। जिस तरह तुम कुछ भी कर लो, यहां के मुसलमान, पाकिस्तान नहीं जानेवाले। जिस तरह यहां का मुसलमान तमाम दिक्कतों, नफरत के जलजले के बीच भी

कहता है कि हम कहीं क्यों जाएं, उसी तरह बांग्लादेश के हिंदूओं की बड़ी आबादी भी यहां नहीं आनेवाली। न पाकिस्तान के सारे हिंदू  यहां आ जाएंगे। और हिंदू तो अमेरिका और ब्रिटेन में भी हैं। बेशक वहां मोदी-मोदी करनेवाले हिंदू अधिक हैं मगर वे यहां नहीं आएंगे। वहां रहकर मोदी- मोदी करते रहेंगे। मोटे पैसेवाले हिंदू तो उल्टे यहां से जाकर वहां के नागरिक बन रहे हैं। वहां के हिंदू को यहां पूंजी लगाने में, ब्याज कमाने में फायदा दिखता है तो पूंजी का एक भाग यहां ले आता है। मुनाफा कमाता है। मुनाफा घटने लगता है, तो 24 घंटे से भी कम समय में यहां से पैसा तुरंत वहां ले जाता है। इतना अधिक वह हिंदू हैं। उसका हिंदू धर्म मोदी -मोदी करने तक सीमित है।

इसलिए अपनी गद्दी पर आए खतरे को महानुभावों, धर्म पर आए खतरे के खाते में मत डालो।

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