विष्णु नागर का व्यंग्यः आदमी गलती करके सीखता है, जो नहीं सीखता, शास्त्रों में उसे ही मोदी और शाह कहा गया है!
मुझे यह भी लगता है कि मोदी- शाह हैं तो बड़े सयाने, उन्होंने किसी और वजह से नहीं, दरअसल जनता के मनोरंजनार्थ ही रातोरात महाराष्ट्र के रंगमंच पर यह घटिया खेल खेला होगा! आकाशवाणी-दूरदर्शन पर आजकल ‘मन की बात’ के अलावा कोई दूसरा मनोरंजक कार्यक्रम आता भी तो नहीं।
मैं दिमाग से भले क्षमा कर दूं, मगर दिल से उन्हें माफ नहीं कर पाऊंगा, जो महाराष्ट्र के गड़बड़झाले के लिए मोदी जी, अमित शाह जी, फणनवीस जी और भी जितने भाजपाई भाईजी, बहन जी और श्री जी और महामहिम जी हैं, उनका मजाक उड़ा रहे हैं। चाणक्य के चाणक्य होने पर संदेह प्रकट कर रहे हैं, मास्टर स्ट्रोक को ‘स्टूडेंट स्ट्रोक’ कह रहे हैं। देखिए चाणक्य को चंद्रगुप्त मौर्य भी तो मिलने चाहिए, मगर मिल गए देवेन्द्र फडणवीस, इसलिए था तो वह मास्टर स्ट्रोक ही, मगर साबित हुआ स्टूडेंट स्ट्रोक!
फिर ऐसा भी होता है कि शेर को कभी-कभी सवा सेर मिल जाता है। नहीं मिलना चाहिए, मगर मिल जाता है। न इस पर सेर का बस है, न सवा सेर का। क्यों जी, मैं गलत बात तो नहीं कर रहा! बताइए सेर को अगर पता होता कि वह सेर है, सवा सेर नहीं, सवा सेर कोई और है, तो सेर ऐसी गलती क्यों करता! वैसे गलती भी तो करनी चाहिए न भाई। अरे गलती करके ही तो सीखता है आदमी! और जो नहीं सीखता, उसे ही तो हमारे शास्त्रों में नरेंद्र मोदी और अमित शाह कहा गया है!
जो गलती पर गलती, नोटबंदी पर नोटबंदी न कर सके, जो आर्थिक मंदी को आर्थिक मंदी मान ले, ऐसा संघी, ऐसा भाजपाई, सच्चा संघी, सच्चा भाजपाई नहीं हो सकता और मान लो, हो भी सकता है तो वह मोदी-शाह तो किसी भी हालत में नहीं हो सकता! इन जैसा बनने के लिए सौ जन्म ही नहीं, बल्कि दो सौ जन्म भी भी काफी नहीं हैं! ऐसा बनने के लिए पिछले जन्म में काफी पाप कमाने पड़ते हैं और इस जन्म में सारे के सारे खर्च करके देश को डुबाना पड़ता है!
मैं फिर कह रहा हूं कि मैं उन सबको दिल से- कहीं और से नहीं बल्कि दिल से- मन से नहीं, दिल से- माफ नहीं कर पाऊंगा- जो इन्हें चाणक्य मानने से इनकार कर रहे हैं। मन से तो केवल ऐसी बात की जा सकती है, जो आकाशवाणी पर प्रसारित की जा सके! दिल के वैसे तो बहुत से उपयोग प्राचीन और अर्वाचीन ग्रंथों में बताए गए हैं मगर माफ न कर पाने के लिए भी दिल का उपयोग किया जा सकता है, यह वेरी रिसेन्टली मोदीजी ने बताया है। इसके लिए उन्हें धन्यवाद देना बनता है! बनता है कि नहीं बनता है, बनता है कि नहीं बनता है? ठीक कहा, बनता है, तो मैं आप सबकी ओर से उन्हें धन्यवाद प्रेषित करना चाहता हूं। इजाजत है इसकी? बोलिए इजाजत है?
वैसे मुझे यह भी लगता है कि मोदी- शाह हैं तो बड़े सयाने, उन्होंने किसी और वजह से नहीं, दरअसल जनता के मनोरंजनार्थ ही रातोरात महाराष्ट्र के रंगमंच पर यह घटिया खेल खेला होगा! आकाशवाणी-दूरदर्शन पर आजकल 'मन की बात' के अलावा कोई दूसरा मनोरंजक कार्यक्रम आता भी नहीं। प्राइवेट चैनलों पर भी ऐवें-टेवें सीरियल आते हैं। जनता बुरी तरह बोर होने लगी थी।मेरा पड़ोसी तो आत्महत्या करने के लिए रस्सी ले आया था और खूंटा ढूंढ रहा था कि संयोग से मैं उसके यहां टपक पड़ा और पता किया कि मामला क्या है?
तब मैंने उससे कहा- ‘भाई थोड़ा धीरज रख, इतना बुरा समय नहीं आया है अभी कि राजनीति स्वयं एक मनोरंजक सीरियल न साबित हो जाए! जब तक मोदी-शाह की अमर जोड़ी रहेगी, तब तक मनोरंजन होता रहेगा। महाराष्ट्र ऐपिसोड से अगर अंततः तुम्हारा मनोरंजन नहीं हुआ तो तुम अकेले नहीं, हम दोनों एक साथ, एक समय, एक कमरे में फांसी लगाएंगे और चिट्ठी लिख जाएंगे कि जिस देश में मोदी-शाह भी जनता को लाइव मनोरंजन प्रदान करने की क्षमता खो चुके हों, उस देश में जीने का क्या फायदा?। इस उसने कहा- 'नागर भाई आप आत्महत्या मत करना, मुझे ही कर लेने देना। मैंने कहा- 'नहीं पड़ोसी धर्म भी नहीं निभाया, तो फिर जीवन क्या जिया'?
वाकई अब वह बहुत खुश है और हर पांच मिनट पर फोन करके कह रहा है-' नागर भाई आपका बहुत शुक्रिया, आपने इंतजार करवाया तो वाकई मजा आ गया और इस तरह आपने मेरी जान बचा ली'। मैंने कहा- 'जान बचा ली तुम्हारी भी और अपनी भी मगर शुक्रिया देने के लिए तुम हर पांच मिनट पर फोन करोगे तो मुझे आत्महत्या करनी पड़ेगी। शुक्रिया ठीक से अदा करना हो तो मिठाई-शिठाई कुछ लाओ'! उसने कहा- 'अभी लाता हूं जी, मिठाई क्या आपके लिए मेरी जान भी हाजिर है'।
तीन दिन हो गए हैं अभी तक वह मुआ मिठाई तक नहीं लाया, जान क्या हाजिर करेगा! काम निकल जाने के बाद सब भूल जाते हैं, यही दुनिया का दस्तूर है। गलत तो नहीं कहा मैंने भाइयों-बहनों वरना किसी भी चौराहे पर मुझे फांसी पर चढ़ा देना! मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं, चढ़ जाऊंगा। बस समय पर फिल्मी स्टाइल में बचाने जरूर आ जाना और पूरे एपिसोड का विडियो बना लेना। संकट आ गया तो बीजेपी में घुस जाऊंगा और फटाफट केस वापिस करवाकर फिर आपकी सेवा में हाजिर हो जाऊंगा।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia