दिल्ली पुलिस की इजाजत के बिना हुई युवा हुंकार रैली, जिग्नेश ने कहा, हमारा संविधान में भरोसा
युवा हुंकार रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवानी कहा कि हम किसी धर्म के खिलाफ न थे, न होंगे, हम सविंधान में विश्वास रखते हैं और बाबा साहेब और ज्योतिबा फुले के विचारों को मानते हैं।
दिल्ली पुलिस से मंजूरी नहीं मिलने के बाद भी संसद मार्ग पर ‘युवा हुंकार रैली’ हुई। रैली में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, किसान नेता अखिल गोगोई, वामपंथी छात्र नेता शहला राशिद, कन्हैया कुमार, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत कई नेता मौजूद थे।
युवा हुंकार रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवानी कहा, “जिस तरह से देश में भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी जैसे जरूरी मुद्दों को घर वापसी, लव जिहाद और गाय से छिपा दिया गया है, हम उसके खिलाफ खड़े हैं।” उन्होंने आगे कहा कि हम किसी धर्म के खिलाफ न थे, न होंगे, हम सविंधान में विश्वास रखते हैं। बाबा साहेब और ज्योतिबा फुले के विचारों को मानते हैं, इसलिए हम हमेशा संविधान की बात करेंगे।
उन्होंने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा, “मैं देश के पीएम मोदी को बताना चाहूंगा कि अब तो मैं गुजरात से ही विधायक हूं, आपको मेरे हर सवाल का जवाब देना पड़ेगा। आपको रोहित वेमुला के बारे में जवाब देना होगा? भीम आर्मी को क्यों टारगेट किया जा रहा है? ये सारे सवाल गुजरात की विधानसभा में भी पूछेंगे और सड़कों पर उतरकर भी पूछेंगे।”
युवा हुंकार रैली में जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद ने कहा, “नरेंद्र मोदी का बुलबुला फूट चुका है। उनके चारों तरफ जो मिथक है, वह धुंधला पड़ चुका है। हम नफरत नहीं चाहते हैं। हम युवाओं के लिए नौकरी, शांति और विका चाहते हैं। मनुवादी विचारधारा को मानने वालों के लिए दलितों के लिए कोई जगह नहीं है। हम रोहित वेमुला की मौत के लिए न्याय चाहते हैं।”
युवा हुंकार रैली में पहुंचे वकील प्रशांत भूषण ने कहा, “दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। सरकार में बैठे लोग चाहते हैं कि ये सब लोग हिन्दू बन जाएं। इमरजेंसी में लोकतंत्र को खतरा था लेकिन अब बीजेपी और आरएसएस के लोगों की वजह से सभ्यता को ही खतरा हो गया है। देश में एक नई उम्मीद जगी है, एक झूठी राजनीति के खिलाफ एक ताकत खड़ी हो रही है।”
जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भी जमकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहते हैं। उन्होंने आगे बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह जानना जरूरी है कि वे रावणराज चाहते हैं या रामराज्य? कन्हैया कुमार ने मीडिया पर हो रहे हमले पर भी सवाल उठाया।
जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने कहा कि पुलिस ने कार्यक्रम को रोकने की पूरी कोशिश की, फिर भी बड़ी संख्या में लोग आने में सफल रहे। योगी सरकार द्वारा भीम आर्मी के चंद्रशेखर और कई कार्यकर्ताओं को तरह-तरह के मामले लगाकर जेल में लगातार रखने की उन्होंने आलोचना की।
जेएनयू के लापता छात्र नजीब की बहन सदफ ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरा भाई एक दिन जरूर वापस आएगा।
इससे पहले रैली स्थल से पहुंचने से पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी और अन्य नेताओं को कनॉट प्लेस पर रोक दिया था, जिसके बाद जिग्नेश मेवाणी ने कहा, “दिल्ली पुलिस की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। हम लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने जा रहे थे। लेकिन सरकार ने हमें निशाना बनाया और एक चुने हुए प्रतिनिधि को अपनी बात रखने से रोका दिया गया।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। दलितों और गरीबों पर अत्याचार हो रहा है। हम संविधान में दायरे में रहकर काम करेंगे।” हालांकि बाद में सभी नेता रैली स्थल पर पहुंचने में कामयाब हो गए।
रैली से पहले जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ संसद मार्ग में पोस्टर्स लगे थे, जिसमें मेवाणी पर भड़काऊ भाषण देने, नक्सलियों से संबंध रखने और जातीय हिंसा करवाने के आरोप लगाए गए।
इस रैली में भीम आर्मी के समर्थकों की भी तादाद है। वे दलितों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं।
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