राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर यूथ कांग्रेस ने गरीबों में बांटा ‘न्याय’, रक्तदान कर शहादत दिवस पर किया नमन

मोदी सरकार से देशवासियों को 6 महीने के लिए ‘न्याय’ देेने की मांग के साथ ही राजीव गांधी के आदर्शों और मानव जाति के लिए उनकी सेवा को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने युवा कांग्रेस मुख्यालय में एक रक्तदान शिविर का भी आयोजन करवाया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

फोटोः @IYC
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नवजीवन डेस्क

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर गुरुवार को भारतीय युवा कांग्रेस ने राष्ट्र भर के वंचित लोगों को 1 दिन के लिए ‘न्याय योजना’ के तहत राहत वितरण किया। युवा कांग्रेस मुख्यालय में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने वंचित लोगों को 1 दिन का न्याय के तहत वित्तीय सहायता दी। इस अवसर पर युवा कांग्रेस मुख्यालय में एक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें संगठन के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रक्तदान कर पूर्व प्रधानमंत्री का नमन किया।

इस अवसर पर युवा कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने केंद्र सरकार से देश में न्याय योजना को 6 महीने तक लागू करने की मांग की। श्रीनिवास बीवी ने कहा, "यह अभियान न्याय योजना का एक हिस्सा है, जिसकी वकालत राहुल गांधी जी ने की है, जो वंचित लोगों और उनके परिवारों की मदद के लिए एक प्रभावी योजना है। युवा कांग्रेस की मांग है कि न्याय योजना के तहत केंद्र सरकार 6 महीने के लिए प्रति व्यक्ति को 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता दे और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इसके तहत कार्यरत लोगों के लिए मनरेगा के लाभों को दोगुना करने का काम करे।”

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में युवा कांग्रेस की सभी राज्य टीमों, भारत भर में यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कोरोना वायरस संकट और केंद्र सरकार द्वारा घोषित अनियोजित लॉकडाउन के चलते डूबती अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रभावों के कारण अपनी नौकरी खो चुके गरीब और असहाय लोगों को 1 दिन के न्याय के तौर पर धनराशि का वितरण किया ।

युवा कांग्रेस ने कहा कि लॉकडाउन के पहले दिन से ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी उन सभी लोगों की मदद करने के लिए सरकार पर जोर देते रहे हैं, जिन्हें वित्तीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है। लॉकडाउन ने देश की आबादी के विभिन्न वर्गों को बेरहमी से प्रभावित किया है, क्योंकि आज भारत में हर 4 व्यक्तियों में से कम से कम एक बेरोजगार है। इनको न्याय दिलवाने के लिए और मदद का हाथ बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने वित्तीय सहायता के रूप में इनको एक दिन का न्याय दिया। इस दिन को राजीव गांधी के एक समतावादी देश के दृष्टिकोण को याद करने और उनके योगदान और इस महान राष्ट्र के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदानों को याद करने के लिए चुना गया था।

केंद्र सरकार से देशवासियों को 6 महीने के लिए न्याय देेने की मांग करने के साथ ही राजीव गांधी के आदर्शों और मानव जाति के लिए उनकी सेवा को ध्यान में रखते हुए युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय में एक रक्तदान शिविर का आयोजन भी करवाया। इस शिविर में बड़ी संख्या में संगठन के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।

हजारों लोगों की तत्काल वित्तीय और चिकित्सीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे आगे आएं और सभी जरूरतमंद लोगों की मदद करें। इस मौके पर उन्होंने कहा, "कांग्रेस अपने यूथ विंग के साथ एकमात्र ऐसा राजनीतिक संगठन है जो लॉकडाउन के पहले दिन से दिल्ली और अन्य जगहों पर लोगों को भोजन, आश्रय, सैनिटाइज़र, मास्क और अन्य आवश्यक चीजों प्रदान करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। राज्य इकाइयां भी लोगों की यथासंभव मदद करने के लिए तत्परता से दिन-रात जुटी हुई हैं।

श्रीनिवास बीवी ने कहा कि यह कांग्रेस और उसके महान नेताओं का आदर्श है कि इसके सदस्य जमीनी स्तर पर सहजता से काम कर रहे हैं और अब लोगों के खातों में प्रत्यक्ष निधि लाभ खुद डालकर न्याय योजना की वकालत कर रहे हैं। यह बहुत दुखद है कि सरकार ने अभी तक ऐसी कोई योजना लागू नहीं की है जो संकट में पड़े लोगों की आर्थिक मदद करे। जबकि देश मोदी सरकार द्वारा लगाए गए अनियोजित लॉकडाउन के चौथे चरण में प्रवेश कर रहा है, जिससे कम से कम 8 करोड़ लोग और उनके परिवार प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं।

इस मौके पर युवा कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लवरु ने कहा कि भोजन की निरंतर कमी के साथ, जीवनयापन करने का कोई तरीका नहीं है और सरकार ने उनकी समस्याओं पर आंखें मूंद ली हैं, और कई प्रवासियों, बेरोजगारों और अपनी नौकरी और अपने परिवारों को खोने वाले लोगों को पीड़ित होने के लिए छोड़ दिया गया है। उनकी तरह ही लाखों अन्य गरीब लोग भी पीड़ित हैं। इन लोगों को भगवान की दया पर सरकार द्वारा छोड़ दिया गया है, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि इन लोगों ने इस देश को बनाने और विकसित करने में मदद की है और अब इन पर घोर अन्याय हो रहा है। हमारे द्वारा सुझाए गए न्याय योजना को लागू करना, इन अभावग्रस्त लोगों के लिए आजीविका सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है।"

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