'उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई किसी मरीज की मौत', योगी सरकार का दावा
देश में अप्रैल से जून के बीच कोरोना की दूसरी लहर आई थी। इस दौरान हजारों लोगों ने जान गंवा दी थी। इसी दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आई थीं। ऑक्सीजन के लिए जगह जगह लाइनें लग रही थीं।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश में सामने आईं उन भयावह दृश्यों को आज भी कोई भूल नहीं पाया है। चारों तरफ श्मशान जौसे दृश्य नजर आए थे। गंगा नदी में लाशों की ढेर बिछ गई थी। लोग ऑक्सीजन के लिए भागते नजर आए आए थे। न जाने कितने ही लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ दिया था। लेकिन अब जो योगी सरकार ने दावा किया है वह जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।
योगी सरकार ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। सरकार ने यह दावा विधान परिषद में किया है। कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में सरकार ने यह बात कही है।
संसद के शीतकालीन सत्र में भी ऑक्सीजन की कमी से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। लोकसभा में इसका लिखित जवाब देते हुए मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौतों की जानकारी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मांगी गई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने ही इसका आंकड़ा दिया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के अमृतसर जिले में एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की जान चली गई थी।
देश में अप्रैल से जून के बीच कोरोना की दूसरी लहर आई थी। इस दौरान हजारों लोगों ने जान गंवा दी थी। इसी दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आई थीं। ऑक्सीजन के लिए जगह जगह लाइनें लग रही थीं। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें भी सामने आई थीं।
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Published: 17 Dec 2021, 8:44 AM