मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 20 और केस वापस लेगी योगी सरकार, आदेश जारी, बचे सिर्फ इतने केस
योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के 20 मुकदमे और वापस लेने की अनुमति दे दी है। इसके लिए शासनादेश जारी हो चुका है। बता दें योगी सरकार ने अब तक कुल 74 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दे चुकी है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 20 केस और वापस लेने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही सरकार अब तक कुल 74 मुकदमों को वापस लेने की इजाजत दे चुकी है। शासन की तरफ से जिन मामलों की वापसी की इजाजत दी गई है वे पुलिस और लोगों की तरफ से दर्ज कराए गए थे। यह सभी केस आगजनी, लूट, डकैती जैसी धाराओं से जुड़े हैं।
गौरतलब है कि दंगे के चिह्नित 92 मुकदमों से अब तक 74 मुकदमे वापस लेने की अनुमति योगी सरकार दे चुकी है अभी 18 मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है।
गौरतलब है कि पिछले साल से मुजफ्फरनगर दंगे में केस वापस लेने की कार्रवाई योगी सरकार ने शुरू की थी। 8 मार्च 2019 को सात शासनादेश आए थे, जिनमे 48 केस वापस लेने की अनुमति मिली थी। 5 केस कोर्ट में निस्तारित हो चुके हैं, जबकि एक में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
इसके बाद लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद तीन और शासनादेश जारी कर 20 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी गई है। इसमें सबसे ज्यादा केस फुगाना थाने का है। इसके अलावा भौराकलां, जारसठ, नई मंदी और शहर कोतवाली में दर्ज केस भी शामिल हैं।
हाल ही में ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि मुजफ्फरनगर दंगों में पुलिस ने अहम गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या में इस्तेमाल हथियारों को पुलिस ने कोर्ट में पेश नहीं किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 41 मामलों में फैसला सुनाया गया। इनमें से हत्या के सिर्फ एक मामले में सजा हुई। मुस्लिमों पर हमले के बाकी सभी मामलों में आरोपी बरी हो गए।
साल 2017 के बाद दंगों से जुड़े 41 मामलों में मुजफ्फरनगर की स्थानीय कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इन 40 मामलों में आरोपी छूट गए हैं। सिर्फ एक मामले में सजा का एलान हुआ है। बता दें कि जिन 40 मामलों में जो आरोपी छूटे हैं उनके ऊपर मुस्लिम समुदाय पर हमले करने के आरोप थे।
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