यूपीः महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच SIT के हवाले, सीबीआई या हाईकोर्ट जज से कराने की मांग खारिज
महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में कहा है कि वह उनसे अलग हो चुके शिष्य आनंद गिरि और हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी के कारण परेशान थे, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी मौत की जांच के लिए 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी की अध्यक्षता सीओ अजीत सिंह चौहान करेंगे। इसमें चार इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर और अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसआईटी महंत की रहस्यमय मौत की विभिन्न कोणों से जांच करेगी। इससे पहले, मंगलवार को उन्होंने आश्वासन दिया कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
आज सामने आए सुसाइड नोट की बरामदगी के बाद महंत की मौत की परिस्थितियों की भी एसआईटी द्वारा जांच करने की संभावना है। लगभग 8 पृष्ठों में लिखे गए कथित सुसाइड नोट से पता चलता है कि महंत बहुत परेशान थे, लेकिन उन्होंने इसमें स्पष्ट रूप से उन घटनाओं का उल्लेख नहीं किया है, जिन्होंने उन्हें यह चरम कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
महंत नरेंद्र गिरि ने नोट में कहा है कि वह उनसे अलग हो चुके शिष्य आनंद गिरि और हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी के कारण परेशान थे, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया है।
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