तालिबान की 'कार्यवाहक' सरकार को मान्यता न दे दुनिया, अफगान विद्रोही गुट ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किया आग्रह

तालिबान सरकार की अंतरिम कैबिनेट का नेतृत्व मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद कर रहा है, जो संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में शामिल है। इसके अलाव कैबिनेट में शामिल सिराजुद्दीन हक्कानी भी अमेरिकी एफबीआई द्वारा वांछित है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

अफगानिस्तान में तालिबान की नई 'कार्यवाहक' सरकार को 'अवैध' करार देते हुए देश में तालिबान के खिलाफ मोर्चा लेने वाली ताकतों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे मान्यता नहीं देने का आग्रह किया है। पंजशीर प्रांत स्थित नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) ने जोर देकर कहा कि तालिबान के कार्यवाहक कैबिनेट की घोषणा अफगानों के साथ समूह की दुश्मनी का स्पष्ट संकेत है। तालिबान दावा कर रहा है कि उसने काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी में एनआरएफ को हरा दिया है, लेकिन एनआरएफ नेताओं का कहना है कि वे अभी भी लड़ रहे हैं।

तालिबान की मंगलवार को घोषित अंतरिम कैबिनेट को अमेरिका की आलोचना का भी सामना करना पड़ा है, क्योंकि इसमें पूरी तरह से तालिबान नेता या उनके सहयोगी शामिल हैं और इसमें कोई भी महिला सदस्य शामिल नहीं है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने अमेरिकी बलों पर हमलों से जुड़े आंकड़ों पर भी चिंता व्यक्त की है।

अंतरिम कैबिनेट का नेतृत्व मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद कर रहा है, जो संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट (काली सूची) में है। कैबिनेट में शामिल एक अन्य व्यक्ति, सिराजुद्दीन हक्कानी भी अमेरिकी एफबीआई द्वारा वांछित है। एक बयान में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, "घोषित सूची में विशेष रूप से ऐसे लोग शामिल हैं, जो तालिबान के सदस्य हैं या उनके करीबी सहयोगी हैं और इसमें कोई महिला शामिल नहीं है। अमेरिका, तालिबान को उसके कार्यों से आंकेगा, शब्दों से नहीं।"


बयान में आगे कहा गया कि वाशिंगटन तालिबान को विदेशी नागरिकों और अफगानों के लिए यात्रा दस्तावेजों के साथ सुरक्षित मार्ग की अनुमति देते देखना चाहता है, जिसमें अफगानिस्तान से उड़ान भरने के लिए वर्तमान में तैयार उड़ानों की अनुमति भी शामिल है। यह कहते हुए कि दुनिया करीब से देख रही है, अमेरिका ने कहा कि "हम अपनी स्पष्ट अपेक्षा को भी दोहराते हैं कि तालिबान सुनिश्चित करे कि किसी अन्य देश को धमकी देने के लिए अफगान धरती का उपयोग नहीं किया जाएगा।"

बता दें कि तालिबान ने मंगलवार को मुल्ला हसन अखुंद को अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और अब्दुल सलाम हनफी कार्यवाहक उप प्रधान मंत्री होंगे। तालिबान के दिवंगत सह-संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब को कार्यवाहक रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है।

आमिर खान मुत्ताकी कार्यवाहक विदेश मंत्री बनाए गए हैं, जबकि हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक आंतरिक मंत्री नामित किया गया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि अंतरिम सरकार की नियुक्तियां अंतिम नहीं हैं, क्योंकि ये कार्यवाहक पद हैं और शेष पदों की घोषणा बाद में की जाएगी। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि यह एक 'कार्यकारी' सरकार है और समूह देश के अन्य हिस्सों से लोगों को शामिल करने का प्रयास करेगा।

अफगान कार्यवाहक सरकार के गठन की घोषणा तब की गई है, जब तालिबान ने सोमवार को दावा किया कि उसने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों के अंतिम होल्डआउट पंजशीर प्रांत पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। तालिबान ने पहले एक समावेशी सरकार बनाने का वादा किया था और उम्मीद जताई थी कि अफगान लोग देश के परिवर्तन के समय में उनका समर्थन करेंगे।

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