GRAP लागू होने से ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम रुका, मजदूरों को दी गई छुट्टी, आसपास के लोग परेशान

लोग चाहते हैं कि मलबा जल्द वहां से हटे तो वह राहत की सांस लें। उनका कहना है कि मलबा ठीक तरीके से ढंका नहीं गया है और नियमित पानी का छिड़काव नहीं होने से प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। हल्की हवा चलने पर आसपास के टावर के लोगों को धूल के कारण दिक्कत हो रही है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली से सटे नोएडा में गिराए गए ट्विन टावर का मलबा हटाने का काम नवंबर में प्रदूषण बढ़ने से प्रभावित हुआ है। दरअसल प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए ग्रैप लागू हो जाने के कारण मलबा हटाने का काम रोक दिया गया है और वहां काम कर रहे 235 मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है। हालांकि इसके बाद भी शहर की आबोहवा लगातार बेहद खराब बनी हुई है।

एनजीटी के मानकों के अनुसार प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। यह काम कब शुरू होगा अभी इसकी कोई जानकारी कोई भी अधिकारी देने को तैयार नहीं है। ट्विन टावर के मलबे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया है ताकि धूल न उड़े, मशीनें शांत खड़ी हैं, क्योंकि यहां पर मलबा हटाने के काम को पूरी तरह से रोक दिया गया है। मलबे से निकाले स्क्रैप को कुछ मजदूर जरूर ट्रक में भर रहे हैं ताकि इन्हें हटाया जा सके लेकिन मलबे को तोड़ने और उसे हटाने का काम पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

दरअसल नोएडा सेक्टर-93 ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुरक्षित तरीके से ब्लास्ट करके गिरा दिया गया था। जिसमें करीब 80 हजार टन अनुमानित मलबा निकला था। यहां से मलबा हटाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को तीन महीने का समय दिया गया है। इसमें 15 दिन का समय अथॉरिटी से एनओसी नहीं मिल पाने के कारण यूं ही बर्बाद हो गया था। अब नवंबर में प्रदूषण बढ़ने से जो अड़चन आ रही है इससे यहां से मलबा जल्द साफ होने की उम्मीद कम ही जा रही है।


ट्विन टावर के मलबे को हटाने के काम की देखरेख कर रहे सुपरवाइजर रोहित कुमार बताते हैं कि ग्रैप लागू होने के बाद एनजीटी के मानकों के अनुसार मलवा हटाने को रोक दिया गया था। काम बंद होने कारण मजदूरों को वेतन देना काफी मुश्किल हो रहा है, इसलिए उन्हें छुट्टी दे दी गई। अब तक इस साइट से 25 ट्रक से लगभग 510 किलो लोहे का स्कैप हटाया जा चुका है, जबकि 5340 टन कंक्रीट और मलबा उनसे लाद कर हटाया गया है। उनका कहना है कि अग्रिम आदेश आने के बाद काम को चालू किया जाएगा।

ट्विन टावर की साइट पर लगाई गई पुलिस की व्यवस्था भी हटा दी गई है लेकिन दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाया गया है। यहां पर एडिसिफ कंपनी के सुरक्षा कर्मी व्यवस्था को देख रहे हैं। वहीं, रेजिडेंट्स चाहते हैं कि जल्द से जल्द यहां से मलबा हटे तो वह राहत की सांस लें। उनका कहना है मलबे को ठीक तरीके से ढका नहीं गया है नियमित पानी का छिड़काव न होने के प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। जरा सी हवा चलने पर आसपास के टावरों में लोगों को धूल की वजह से दिक्कत हो रही है। हवा जहरीली होने से सांस रोगियों की परेशानी बढ़ती जा रही है।

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