शिव ‘राज’ में महिला हॉकी खिलाड़ी का परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर

भोपाल में एक झुग्गी में रहने के लिए मजबूर भारतीय जूनियर हॉकी टीम की गोलकीपर खुशबू खान की झुग्गी का शौचालय तोड़ दिया गया है और पूरा परिवार कई महीनों से शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर है।

फोटोः IANS
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आईएएनएस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान चला रखा है। वे पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करना चाहते हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल देश में दूसरे स्थान पर थी।लेकिन, आप को यह जानकर हैरानी होगी कि भोपाल में एक झुग्गी में रहने के लिए मजबूर भारतीय जूनियर हॉकी टीम की गोलकीपर खुशबू खान की झुग्गी का शौचालय तोड़ दिया गया है और पूरा परिवार कई महीनों से शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर है।

देश की जूनियर हॉकी टीम की गोलकीपर खुशबू खान राजधानी के जहांगीराबाद इलाके में एक झुग्गी में अपने परिवार के साथ रहती हैं। वे इन दिनों बेहद तनाव के दौर से गुजर रही हैं। उनके शौचालय को तो पहले ही तोड़ा जा चुका था, अब झुग्गी को भी तोड़ने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि पहले तो पूरा परिवार खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर था और अब इस ठंड में उन्हें खुले आसमान के नीचे जीने पर मजबूर होना पड़ेगा।

खुशबू ने बताया कि वह पशु चिकित्सालय के पास एक कमरे की झुग्गी में अपने परिवार के 7 सदस्यों के साथ रहती हैं। जब वह दिसंबर 2016 और जनवरी 2017 के दौरान राष्ट्रीय हॉकी शिविर में थीं, तब उन्हें पता चला कि उनकी झुग्गी का शौचालय तोड़ दिया गया है। आज तक उनकी झुग्गी में शौचालय नहीं है।

हालांकि, नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी हरीश गुप्ता ने इस तरह की घटना की जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने, "शौचालय क्यों तोड़ा गया, किसने तोड़ा इसकी जानकारी नगर निगम के पास नहीं है। लेकिन इस बारे में छानबीन की जाएगी और जल्द से जल्द समस्या का उचित समाधान किया जाएगा, क्योंकि यह एक खिलाड़ी का मामला है।"

खुशबू का कहना है कि वह अपनी समस्या से मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक को अवगत करा चुकी हैं। उन्होंने तात्या टोपे नगर स्टेडियम के पास मकान आवंटित करने की मांग की है, मगर आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं मिला। खुशबू का कहना है कि उनके घर से स्टेडियम 7 किलोमीटर से ज्यादा दूर है। उन्हें एक बार जिम के लिए और एक बार हॉकी अभ्यास के लिए, दो बार पैदल ही स्टेडियम जाना पड़ता है। इससे एक तरफ शारीरिक थकान तो दूसरी तरफ समय की बर्बादी होती है। वे चाहती हैं कि सरकार कोई भी छोटा-सा मकान स्टेडियम के पास उन्हें आवंटित कर दे, ताकि वे अपने खेल को और निखार सकें।

खुशबू के पिता शब्बीर अंसारी पेशे से ऑटो चालक हैं। उसी के जरिए अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनका कहना है, "बेटी को खिलाड़ी बनाने के लिए उसे हर संभव सहयोग किया, अब देखिए सरकार की ओर से क्या मिल रहा है, झुग्गी का शौचालय तक तोड़ दिया गया, बनाने का भरोसा दिलाया, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ।”

फोटोः सोशल मीडिया
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इसी झुग्गी में रहने के लिए मजबूर हैं भारतीय जूनियर हॉकी टीम की खिलाड़ी खुशबू खान

पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी और हॉकी प्रशिक्षक अशोक ध्यानचंद का कहना है, "खिलाड़ियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति सिर्फ मध्य प्रदेश में नहीं पूरे देश में है। जहां तक खुशबू की बात है तो उसे मैंने अपने व्यक्तिगत जोखिम पर लड़कों के साथ प्रशिक्षण दिया है।"

इस मामले पर स्थानीय सांसद आलोक संजर ने कहा, “मध्य प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जहां तक खुशबू का मामला है, इसे भी गंभीरता से लेकर हर संभव मदद की जाएगी।"

मामला मीडिया में आने के बाद खुशब और उनके परिवार को आश्वासन मिलने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो चुका है। अब देखना होगा कि शिवराज सिंह चौहान की बीजेपी सरकार में इन आश्वासनों को कब अमली जामा पहनाया जाता है।

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