LAC पर देपसांग और डेमचोक से भारत और चीन के सैनिकों की वापसी पूरी हुई, अब जल्द शुरू होगी गश्त
सेना सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दिवाली के मौके पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और जमीनी कमांडरों के बीच बातचीत के जरिये गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे।
भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो बिंदुओं-डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है। भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही इन बिंदुओं पर समन्वित गश्त शुरू की जाएगी। समन्वित गश्ती के तौर-तरीकों पर जमीनी कमांडरों के बीच निर्णय लिया जाएगा। जमीनी कमांडर ब्रिगेडियर और उससे नीचे के रैंक के अधिकारी होते हैं।
देपसांग और डेमचोक में भारत और चीन के बीच सैनिकों की वापसी पूरी होने और भारत-चीन संबंधों के आगे बढ़ने पर भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा, "राष्ट्रपति शी और पीएम मोदी महत्वपूर्ण बैठक के बाद जब कई महत्वपूर्ण सहमतियों पर पहुँच गए हैं, तो यह हमारे दोनों देशों के संबंधों के आगे के विकास के लिए एक दिशानिर्देश होगा। मुझे बस उम्मीद है कि इस आम सहमति के मार्गदर्शन में, हमारे संबंध भविष्य में सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और हमारे संबंध हमारे दोनों पक्षों के बीच विशिष्ट असहमतियों से सीमित या बाधित नहीं होंगे। दो पड़ोसी देशों के रूप में, यह काफी स्वाभाविक है कि हमारे बीच कुछ मतभेद हैं, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मतभेदों को कैसे संभालना और हल करना है। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं की बैठक ने हमारे लिए एक बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया है - इन मतभेदों को कैसे संभालना है।"
सेना सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दिवाली के मौके पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और जमीनी कमांडरों के बीच बातचीत के जरिये गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे। सेना के एक सूत्र ने कहा कि इसके लिए स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी है।
सूत्रों ने 25 अक्टूबर को बताया था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर हस्ताक्षर किए गए और फिर सैन्य स्तर की बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि समझौते की बारीकियों पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान काम किया गया था। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते का पालन करते हुए इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों ने अपने उपकरण हटाने शुरू कर दिए।
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