भीख में आजादी मिलने की बात कहने वाली कंगना से पद्म पुरस्कार वापस लें, मांझी ने राष्ट्रपति से की अपील
वरुण गांधी ने भी कहा कि कंगना ने एक बार महात्मा गांधी के बलिदान का अपमान किया। अब, उन्होंने मंगल पांडे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मी बाई, सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का अपमान किया।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अनुरोध किया कि भीख में देश को आजादी मिलने वाला बयान देने वाली फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को दिया गया पद्मश्री पुरस्कार वापस ले लिया जाए। वहीं वरुण गांधी ने कंगना की निंदा करते हुए कहा कि पागल या देशद्रोह की मानसिकता वाली व्यक्ति को मैं क्या कहूं?
जीतन राम मांझी ने ट्वीट किया, "राष्ट्रपति को कंगना रनौत से पद्मश्री पुरस्कार अविलंब वापस लेना चाहिए या पूरी दुनिया को यह समझा दिया जाए कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, भगत सिंह, सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अन्य ने आजादी के लिए भीख मांगी थी, जो ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा दी गई। लानत है ऐसी कंगना पर!
जीतन राम मांझी के अलावा, बीजेपी नेता वरुण गांधी ने भी कंगना के इस विवादित बयान पर तीखी प्रतिक्रिया प्रकट की है। वरुण ने कहा, "कंगना ने एक बार महात्मा गांधी के बलिदान का अपमान किया और उनके हत्यारे की सराहना की। अब, उन्होंने मंगल पांडे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मी बाई, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का अपमान किया। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?"
दरअसल हाल में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा था, "भीख मांगने से मिली आजादी असली आजादी नहीं है। हमने 2014 में असली आजादी हासिल की है।" अपने काम से ज्यादा बयानों के लिए विवादों में रहने वाली कंगना के इस बयान पर बवाल हो गया है। और लोग उनसे हाल में प्रदान किया गया पद्म पुरस्कार वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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