चुनावी बॉन्ड से मिले चंदे की होगी SIT जांच? सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना की अदालत की निगरानी में जांच किए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चुनावी बॉन्ड योजना मामले में SIT जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को चुनावी बॉन्ड योजना सुनवाई करेगा। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि चुनावी बॉण्ड योजना की अदालत की निगरानी में जांच किए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।

प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है। चुनावी बॉन्ड चंदे के माध्यम से कॉरपोरेट्स और राजनीतिक दलों के बीच कथित क्विड प्रो क्यों यानी बदले में व्यवस्था की जांच के लिए SIT के गठन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनावी बॉन्ड मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला शामिल है, जिसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच के जरिए ही उजागर किया जा सकता है।

याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दलों, कॉरपोरेट्स, लोक सेवकों और सरकार के तहत काम करने वाले अन्य लोगों के बीच पारस्परिक लाभ की व्यवस्था का संकेत देता है। घोटाले के आकार को ₹16,500 करोड़ के आंकड़े से नहीं आंका जाना चाहिए, जो कि चुनावी बॉन्ड जारी करने वाले सभी राजनीतिक दलों द्वारा एकत्र किया गया धन है। प्रत्येक ₹1,000 करोड़ के चुनावी बॉन्ड के लिए, कम से कम 100 गुना मूल्य के अनुबंध उन कंपनियों को दिए गए हैं, जिन्होंने उन चुनावी बॉन्ड को खरीदा है।

पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा शुरू की गई गुमनाम राजनीतिक चंदे की चुनावी बॉण्ड योजना रद्द कर दी थी। इस योजना के तहत अधिकृत वित्तीय संस्थान भारतीय स्टेट बैंक ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद निर्वाचन आयोग के साथ आंकड़े साझा किए थे, जिन्हें आयोग ने बाद में सार्वजनिक किया था।

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