बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए शूटर्स ने जीशान का दफ्तर क्यों चुना? योजना के तहत किया था लोकेशन में बदलाव
अंत में शूटर्स ने तय किया कि बाबा सिद्दीकी को शूट करने के लिए उनके बेटे जीशान का दफ्तर सही स्थान है। जीशान के दफ्तर से हाईवे भी नजदीक है, जिससे मुंबई अहमदाबाद, मुंबई नासिक और मुंबई पुणे हाईवे पर भागने के लिए तीन रास्ते उपलब्ध थे।
बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में गुरुवार को एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि शूटर्स ने अपनी योजना के तहत लोकेशन में बदलाव किया था।
जानकारी के अनुसार, शूटर्स ने वारदात को अंजाम देने से पहले बाइक से रेकी की थी। रेकी के दौरान शूटर्स ने महसूस किया कि बाबा सिद्दीकी को उनके घर के आसपास शूट करना असंभव है, क्योंकि बाबा हमेशा लोगों से घिरे रहते हैं। इसके अलावा, बांद्रा वेस्ट से उनके लिए निकल भागने का रास्ता भी बहुत मुश्किल था। इस वजह से, बाबा के घर और दफ्तर के आसपास की रेकी करने के बाद शूट आउट का लोकेशन बदलने की योजना बनाई गई।
अंत में शूटर्स ने तय किया कि बाबा सिद्दीकी को शूट करने के लिए उनके बेटे जीशान का दफ्तर सही स्थान है। जीशान के दफ्तर से हाईवे भी नजदीक है, जिससे मुंबई अहमदाबाद, मुंबई नासिक और मुंबई पुणे हाईवे पर भागने के लिए तीन रास्ते उपलब्ध थे। इसके बाद, बाबा को जीशान के दफ्तर के बाहर शूट करने की योजना बनाई गई।
शूट आउट से पहले ही बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसके बाद बाइक को छोड़ सभी आरोपी एक ऑटो के जरिए उस स्थान पर पहुंचे, जहां उन्हें वारदात को अंजाम देना था। शूटर्स ने सेकंड हैंड बाइक 32 हजार रुपये में खरीदी थी। इसी बाइक के जरिए उन्होंने रेकी भी की थी। क्राइम ब्रांच ने बाइक को जब्त कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि 12 अक्टूबर की देर रात बांद्रा के निर्मल नगर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या उस वक्त कर दी गई थी, जब वह अपने बेटे के दफ्तर से बाहर निकल रहे थे। इस घटना को तीन लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। 66 वर्षीय नेता को तीन गोलियां लगी थी। इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
--आईएएनएस
पीएसके/केआर
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