आखिर क्यों दहशत के साए में हैं मेरठ के मुसलमान, कहीं कोई साजिश तो नहीं हो रही?
जानकारों की माने तो फ़ैज़ -ए-आम कॉलेज के मैदान में मॉब लिंचिंग के विरोध में लोग जुटे। यह संख्या 10 हजार से ज्यादा थी। इस प्रदर्शन में शहर काजी ने अमनो अमान की बात की। डीएम और एसएसपी के नाम ज्ञापन दिया गया। इस प्रदर्शन को स्थानीय संस्था युवा सेवा समिति ने आयोजित किया था।
शुक्रवार (5 जुलाई) को मेरठ की सभी मस्जिदों के बाहर भारी तादाद में पुलिस मौजूद थी। शहर के तमाम बड़े अफसर दर्जनों गाड़ियों के साथ आरपीएफ की नीली पलटन के साथ डंटे थे। जुमे के दिन बाजारों में दिखने वाली मुस्लिम ख़्वातीन भी कम दिखाई दे रहीं थीं। स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। शहर में इंटरनेट पर पाबंदी थी। शहर में कर्फ्यू तो नही था मगर बाकी सब कुछ कर्फ्यू जैसा ही था। जितनी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी उतनी अमूमन कर्फ्यू में ही होती है।
ऐसा इसलिए हुआ था बुधवार को मेरठ के फ़ैज़ -ए-आम डिग्री कॉलेज में मॉब लिंचिंग के विरोध करने लिए की भीड़ जुटी थी। जब यह भीड़ अपनों घरों को वापस लौट रही थी तो कुछ युवकों ने नारेबाज़ी की जिससे भड़की पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद सैकड़ो नामज़द और हजारों अज्ञात युवकों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर दिया गया। देर रात मेरठ के आईजी और एसएसपी को भी हटा दिया गया।
लेकिन क्या यह सचमुच इतनी गंभीर बात थी कि शहर के हालात इतने नाजुक हो जाएं। खैरनगर के नफीस अहमद (60) का कहना है कि समझ मे अब तक नही आया कि ऐसा क्या हुआ कि इतना बड़ा मामला बन गया। उन्होंने कहा कि दो समुदाय कंही आमने सामने नहीं आएं। हालांकि कुछ लड़के नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस को उनकी निशानदेही कर उन पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। नफीस ने कहा कि इनती ताकत झोंकने की जरूरत नहीं थी। ऐसा लग रहा है जैसा एक खास नीयत के साथ मुसलमानों को सबक सिखाया जा रहा हो।
जानकारों की माने तो फ़ैज़ -ए-आम कॉलेज के मैदान में मॉब लिंचिंग के विरोध में लोग जुटे। यह संख्या 10 हजार से ज्यादा थी। इस प्रदर्शन में शहर काजी ने अमनो अमान की बात की। डीएम और एसएसपी के नाम ज्ञापन दिया गया। इस प्रदर्शन को स्थानीय संस्था युवा सेवा समिति ने आयोजित किया था। समिति के अध्यक्ष बदर अली के आह्वान पर यह लोग जुटे। युवा सेवा समिति के अध्यक्ष बदर अली ने मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी को श्रद्धांजली दी गई और उसके कातिलों के लिए फांसी की मांग की गई।
बदर की गिरफ्तारी को उनके परिजन साजिश बता रहे हैं। उनके चाचा इफ्तेखार अली खान बताते हैं, “बदर एक बेहद अच्छा लड़का है, वो बहुत गंभीर किरदार का है। पुलिस अक्सर उसे तनाव शांत करने के बुलाती थी। मेरठ के नौजवानों में वो काफी लोकप्रिय है। उसकी संस्था चैरिटी के काम करती है, वो अस्पताल बनवा रहे हैं। उसकी चार महीने की बेटी है ,उसके बाप नहीं है मगर मैं उसके बाप जैसा ही हूं। मैं उसे जानता हूं। उसे राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया जा रहा है।”
मेरठ के एसएसपी अजय साहनी के मुताबिक बदर अली की हिस्ट्रीशीट खोली जा रही है। उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी की जाएगी। उसके खिलाफ अलग अलग थानों में पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। ऐसा बिना अनुमति के सभा करने के कारण दर्ज किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार प्रदर्शन और जुलूस दोनों बिना अनुमति के किए गए जिसके बाद शहर में अफवाह फैलने का खतरा पैदा हुआ। इतना ही नहीं भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने रुमाल बांधकर बदतमीजी भी की थी। बदर के चाचा का कहना है कि भीड़ में शामिल लड़कों के बारे में किसी को पता नहीं है। उनका कहना है कि उन लड़कों को साजिश के तहत भी भीड़ में शामिल किया जा सकता है।
मेरठ के आदिल चौधरी इसे मुसलमानों के नेताओं के बीच आपसी खींचतान की वजह मानते हैं। वो कहते हैं, “भीड़ जब सभा से वापस लौट रही थी तो कुछ लड़कों ने पुलिस के साथ बदतमीजी की।यह जरूर पता लगाना चाहिए ये कौन थे। इन्होंने ऐसा क्यों किया? कहीं यह कोई साजिश तो नही थी?”
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Published: 06 Jul 2019, 3:59 PM