बंगाल राजभवन ने राज्यपाल की निगरानी का आरोप लगाया, राज्य पुलिस को तत्काल हटाने का दिया आदेश
सूत्रों ने कहा कि राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की निगरानी का आरोप लगाते हुए राजभवन ने गवर्नर हाउस के परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। इस घटना को राजभवन और टीएमसी सरकार के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, ''राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को गवर्नर हाउस के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।''
शहर के पुलिसकर्मी केवल मुख्य प्रवेश द्वारों और भवन के निकटवर्ती उद्यानों की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में कोलकाता पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इस घटनाक्रम को राजभवन और ममता बनर्जी सरकार के बीच झगड़े के एक और दौर की शुरुआत के लिए ट्रिगर प्वाइंट के रूप में देखा जा रहा है। इस साल फरवरी में राज्यपाल ने गवर्नर हाउस की तत्कालीन प्रमुख सचिव नंदिनी चक्रवर्ती को हटाने के लिए कहा था। टीएमसी ने तब आरोप लगाया था कि राज्यपाल का निर्णय बीजेपी की राज्य इकाई के इशारे पर था, जो लगातार चक्रवर्ती पर गवर्नर हाउस में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। बाद में चक्रवर्ती को हटा दिया गया था।
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