कल खुलेंगे सबरीमाला मंदिर के कपाट, हिंदू संगठनों की मीडिया को धमकी, न भेजें महिला रिपोर्टर
केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ आंदोलन कर रहे कई हिंदू संगठनों ने मीडिया संगठनों से इस मुद्दे को कवर करने के लिए महिला पत्रकारों को न भेजने की धमकी दी है।
केरल के सबरीमाला मंदिर के कपाट एक बार फिर 5 नवंबर को खुलने जा रहे हैं। हालांकि सभी उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विवाद अभी चल ही रहा है। इसी बीच कई हिंदू संगठनों ने मीडिया घरानों को धमकी देते हुए कहा कि न्यूज कवर करने के लिए युवा महिला पत्रकारों को सबरीमाला नहीं भेजें। ये चेतावनी सबरीमाला कर्म समिति द्वारा जारी की गई है। ये समिति दक्षिणपंथी संगठनों का एक संयुक्त मंच है, जिसमें विश्व हिंदू परिषद और हिंदू एक्यावेदी भी शामिल हैं। समिति सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रही है। समिति ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार और रिट याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करने का फैसला किया है, लेकिन राज्य सरकार फैसले के खिलाफ जन आंदोलन को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है और पुलिस बल का इस्तेमाल कर जल्दबाजी में इसे लागू करने की कोशिश कर रही है।
मंदिर में प्रवेश के दौरान विवाद की आशंका को देखते हुए मंदिर के इर्द-गिर्द सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
केरल पुलिस के अनुसार 2000 पुलिस कर्मियों के साथ कमांडो और सेना के जवानों को तैनात किया गया है। इनमें 100 महिलाएं हैं। एक 20 सदस्यीय कमांडो दस्ता को शनिधानम, निलाकाल और पंबा में तैनात किया गया है। आईजी अशोक यादव ने कहा कि पंबा से सन्निधानम तक 1500 पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
वहीं सोमवार को मंदिर में विशेष पूजा को देखते हुए केरल के पंबा, निलक्कल और इलुवांगल जैसे इलाकों में 5 से लेकर 6 नवंबर तक धारा 144 लागू की जाएगी। जिससे पूजा के दौरान क्षेत्र में शांति बहाल रह सके और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम न दिया जा सके। दरअसल सबरीमला मंदिर में 10-50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पिछले महीने हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए शनिवार की रात से ही मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है।
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बता दें कि केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रहा विरोध जोर-शोर से जारी है। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बावजूद प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
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