मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, बीते 24 घंटे में 4 लोगों की हत्या, इंफाल में व्यापक विरोध प्रदर्शन
मणिपुर के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के विरोध में मीरा पैबिस (महिला रक्षक) सहित विभिन्न संगठनों ने राज्य की राजधानी इंफाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।
मणिपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान अलग-अलग घटनाओं में एक व्यक्ति और उसके बेटे सहित कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, 61 वर्षीय ओइनम बमोलजाओ और उनके 35 वर्षीय बेटे ओइनम मैनिटोम्बा को गुरुवार को बिष्णुपुर जिले में संदिग्ध उग्रवादियों ने मार डाला।
गांव के 54 वर्षीय स्वयंसेवक थियाम सोमेन को भी गुरुवार को उसी जिले में प्रतिद्वंद्वी समुदाय के सशस्त्र कैडरों ने गोली मार दी थी।
पुलिस ने कहा कि बुधवार रात कांगपोकपी जिले की सीमा से लगे इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप में दो युद्धरत समुदायों के बीच गोलीबारी में एक अन्य गांव के स्वयंसेवक ताखेललंबम मनोरंजन (26) की मौत हो गई और एक अन्य स्वयंसेवक, मंगशताबम वांगलेन गोली लगने से घायल हो गए।
हिंसा की ताजा घटनाएं बुधवार देर रात मणिपुर के थौबल जिले में अज्ञात सशस्त्र हमलावरों द्वारा सुरक्षा बलों पर गोलीबारी के बाद हुईं, जिसमें बीएसएफ के तीन जवान गोली लगने से घायल हो गए।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, "अज्ञात समूहों के कुछ सशस्त्र कैडरों" ने बुधवार देर रात थौबल जिला पुलिस मुख्यालय पर हमला करने का प्रयास किया और सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की। सुरक्षाकर्मियों ने हमले को विफल कर दिया। सशस्त्र कैडर मुख्यालय पर एकत्र हुई गुस्साई भीड़ में शामिल हो गए थे।
तीन बीएसएफ कर्मियों में से दो सहायक उप-निरीक्षक सोबराम सिंह और रामजी थे और तीसरे की पहचान कांस्टेबल गौरव कुमार के रूप में की गई। उन्हें इंफाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि भीड़ ने थौबल जिले के खंगाबोक में तीसरी मणिपुर सशस्त्र बटालियन मुख्यालय को निशाना बनाया।
पुलिस के बयान में कहा गया है, "सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया। इसके अलावा, भीड़ ने थौबल पुलिस मुख्यालय को तोड़ने का प्रयास किया, जिस कारण सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा। भीड़ के बीच से सशस्त्र उपद्रवियों ने लाइव राउंड से गोलीबारी की। गोली लगने से बीएसएफ के तीन कर्मी घायल हो गए।''
भीड़ ने सरकार से मोरेह में राज्य सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों के लगातार हमलों का मुकाबला करने के लिए राज्य पुलिस अतिरिक्त बल भेजने की मांग की।
घटना के परिणामस्वरूप, थौबल जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे जिले में सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
बुधवार को टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों के हमले में मणिपुर पुलिस के दो कमांडो मारे गए और दो को गोली लगी।
जब सुरक्षाकर्मियों ने घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की कोशिश की, तो महिलाओं सहित कुछ आदिवासियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। वे बलों के साथ भिड़ गए और लड़ाई में कई आदिवासी लोग घायल हो गए।
एक प्रमुख सीमा व्यापार केंद्र, मोरेह म्यांमार के सबसे बड़े सीमावर्ती शहर तामू के पश्चिम में सिर्फ 4 किमी और राज्य की राजधानी इंफाल से 110 किमी दक्षिण में है।
मणिपुर के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के विरोध में मीरा पैबिस (महिला रक्षक) सहित विभिन्न संगठनों ने राज्य की राजधानी इंफाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।
सुरक्षा बलों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले छोड़े। सुरक्षा बलों के साथ झड़प में कुछ महिलाओं को चोटें आईं।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि केंद्र एकीकृत कमान अध्यक्ष का प्रभार मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को सौंप दे।
हिंसा की घटनाओं को देखते हुए बुधवार से इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में तनाव व्याप्त है। सभी उपद्रवग्रस्त जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए।
अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर सरकार के अनुरोधों का जवाब देते हुए केंद्र ने सुरक्षा बलों को ले जाने के लिए एक और हेलीकॉप्टर दिया है।
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