मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों और ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी में 3 की मौत
अधिकारियों ने कहा कि दोनों सशस्त्र समूह एक ही समुदाय के हैं। अधिकारी ने बताया कि मारे गए तीन लोगों में से दो वीवीएफ और एक यूकेएलएफ कैडर है। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को क्षेत्र में भेजा गया है।
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की खबर है। तेंगौपाल जिले के मोलनोई में शुक्रवार को दो सशस्त्र समूहों के बीच झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोलीबारी आदिवासी उग्रवादी संगठन यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) और विलेज वालंटियर फोर्स (वीवीएफ) के कैडरों के बीच हुई।
उन्होंने कहा कि दोनों सशस्त्र समूह एक ही समुदाय के हैं। अधिकारी ने बताया कि मारे गए तीन लोगों में से दो वीवीएफ और एक यूकेएलएफ कैडर है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट में कहा गया था कि गोलीबारी में मरने वालों की संख्या चार थी- तीन वीवीएफ सदस्य और एक यूकेएलएफ कैडर, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को क्षेत्र में भेजा गया है। यह घटना पिछले शनिवार को दक्षिणी असम के साथ मणिपुर के जिरीबाम जिले में हुई गोलीबारी और आगजनी की घटना के कुछ दिनों बाद हुई है। इसके एक दिन बाद मैतेई और हमार आदिवासी समूहों ने शांति वार्ता के लिए एक बैठक की और सामान्य स्थिति लाने और घटनाओं को रोकने के लिए पूर्ण प्रयास करने का संकल्प लिया था।
वहीं इससे पहले जिरीबाम में 14 जुलाई को एक संयुक्त गश्ती दल पर संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई थी और तीन अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। मणिपुर में पिछले साल भड़की हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
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