वीडियो: देखते-देखते झील में समा गया नैनीताल के मॉल रोड का एक हिस्सा
सरोवर नगरी नैनीताल में माल रोड का कुछ हिस्सा अचानक नैनी झील में समा गया। गनीमत यह रही कि इस दौरान वहां से कोर्इ वाहन नहीं गुजर रहा था और लोगों की आवाजाही भी नहीं थी। लोअर मॉल रोड के इस हिस्से के झील में समाने के दृश्य को कुछ लोगों ने कैमरे में कैद किया है।
उत्तराखंड में पिछले काफी दिनों से लगातार जोरदार बारिश हो रही है। जगह-जगह भूस्खलन और रास्तों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें-तस्वीरें सामने आ रही हैं। इसके चलते लोगों को लोगों को कर्इ किस्म की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश से उनका जीवन बुरी तरह से प्रभावति हो रहा है। नैनीताल जिले में भी जमकर बारिश हो रही है।
नैनीताल में शनिवार को जो कुछ हुआ, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पर्वतीय इलाकों में प्रकृति से छेड़छाड़ क्या कहर ढा सकती है। इस वीडियो को देखिए।
भारी बारिश के चलते नैनी झील से लगे लोअर मालरोड में अचानक भूस्खलन हो गया और देखते ही देखते सड़क का करीब बीस मीटर हिस्सा झील में समा गया। गनीमत रही कि जिस समय सड़क के इस हिस्से ने नैनी झील में जल समाधि ली, उस समय वहां से न तो कोई वाहन ही गुजर रहा था और न ही लोगों की आवाजाही थी। अलबत्ता इस हिस्से के पानी में समा जाने के बाद ट्रैफिक ठप्प हो गया। लोअर मॉल रोड का जो हिस्सा झील में समाया है उसके सामने ही ग्रैंड होटल है।
बताया जा रहा है कि दरअसल हाल के वर्षों में इस इलाके में कई नए मकान आदि का निर्माण हुआ है, जिसके कारण अंग्रेजों के दौर में बनाई गई पानी निकासी की व्यवस्था (ड्रेन) अवरुद्ध हो गई थी, और ऊपरी हिस्सों से आने वाला पानी अंदर ही अंदर रिस रहा था, जिससे लोअर मॉल का यह हिस्सा काफी कमजोर होने लगा था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी लोअर मॉल रोड के जलसमाधि लेने का वीडियो पोस्ट किया है।
नैनीताल के लोगों का कहना है कि पिछले महीने ही 28 जुलाई को मॉल रोड के इस हिस्से में दरार पड़ गई थी, जिसकी शिकायत पी डब्ल्यू डी से की गई थी। शिकायत मिलने के बाद लोक निर्माण विभाग ने इस हिस्से का मुआयना किया, और एहतियात के तौर पर वहां से आवाजाही रोकने के लिए पत्थर लगा दिए थे। लेकिन लोअर मॉल के इस हिस्से से लगी झील की दीवार से लगातार पत्थर गिर रहे थे, जिससे दरार बढ़ती जा रही थी और यह हिस्सा खतरनाक हो गया था।
ग्रैड होटल और नैनीताल बैंक के सामने के इस हिस्से को स्थाई समाधान की कोई कोशिश नहीं की गई। हालांकि अखबारों में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एमपीएस कालाकोटी के हवाले से कहा गया कि तात्कालिक उपाय किया गया था और इसके स्थाई समाधान के लिए करीब 40 करोड़ का खर्च होना है।
बताया जा रहा है कि हाल ही में आईआई टी रुड़की के विशेषज्ञों ने इस पूरे इलाके का मुआयना किया था, और खतरे वाले स्थान के ट्रीटमेंट के लिए सुझाव दिए थे। विशेषज्ञों जो सुझाव दिए थे, उसके मुताबिक लोअर मॉल के करीब 150 मीटर हिस्से का काम होना था। इसमें अपल मॉल रोड में लोहे के पाइप डालकर कंक्रीट की फिलिंग आदि करनी थी, जिससे रोड के नीचे की मिट्टी के खिसकने का खतरा टाला जा सके। कहा गया कि अगर यह ट्रीटमेंट कर दिया गया तो मॉल रोड के जमींदोज़ होने या नैनी झील में समा जाने का खतरा हमेशा के लिए टल जाएगा। लेकिन विशेषज्ञों के सुझाव पर तैयार डीपीआर सरकार के पास ही पड़ी है और यह अनहोनी हो गई।
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