बिहार में बारिश से सब्जी की फसल बर्बाद, कीमतें आसमान पर, किसान बेहाल
किसानों ने कहा कि जब तक तक मौसम साफ नहीं हो जाता सब्जियों की कीमतें ऐसी ही बनी रहेगी। किसानों को उचित कीमत तक नहीं मिल पा रही है। फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी भरपाई नहीं हो पा रही है।
देशभर में मानसून ने लोगों को जहां राहत दी है, वहीं इसका असर सब्जियों के दाम पर भी पड़ा है। बिहार में 20 दिन पहले सब्जियों के जो दाम थे, उसमें दो से ढाई गुणा की बढ़ोतरी हो गई है। इस पर किसानों का कहना है कि 70 से 80 प्रतिशत तक खड़ी फसल बारिश के कारण बर्बाद हो गई है। मांग के हिसाब से माल पूरा नहीं हो पा रहा है, जिससे सब्जियों के दामों में उछाल आया है।
इसकी मार केवल आम जनता पर ही नहीं बल्कि किसानों पर भी पड़ रही है। किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है। वहीं किसान सरकार से बारिश की वजह से खराब हुई फसल का मुआवजा मांग रहे हैं।
किसानों ने कहा कि जब तक तक मौसम साफ नहीं हो जाता सब्जियों की कीमतें ऐसी ही बनी रहेगी। किसानों को उचित कीमत तक नहीं मिल पा रही है। फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी भरपाई नहीं हो पा रही है। इसके चलते आगे सब्जियों को ज्यादा कीमतों पर बेचा जा रहा है, और बदनाम किसान हो रहा है, मगर जान लें इससे किसानों को ही नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसान अशोक प्रसाद ने सरकार को कोसते हुए कहा कि किसानों के लिए अभी तक कोई सरकार बनी ही नहीं जो उन्हें उनका हक दे सके। उन्होंने कहा कि फसल खराब होने को लेकर सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि हमें समय पर बीज और खाद भी नहीं मिल रही, वह भी हमें बाहर से महंगी कीमतों पर लेना पड़ रहा है। किसान की कोई मदद नहीं हो रही है, वह ऐसे ही मर रहा है।
वहीं मौसम की मार से बढ़े सब्जियों के दामों पर एक अन्य किसान जयशंकर राय ने कहा कि इसके पीछे मुख्य कारण बारिश है, जो सब्जियों को बर्बाद कर रही है। इससे हमारी 90 प्रतिशत तक फसल खराब हो जाती है।
उन्होंने कहा कि लोग ऐसे में किसानों को इसका दोषी ठहराते हैं, जो सही नहीं है, सरकार इसको लेकर कुछ नहीं कर रही है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह कम से कम मानसून के मौसम में किसानों का ध्यान रखें, और हमें फसल खराब होने का मुआवजा दें, जिससे हमारा जीवन आसान हो जाए।
इसको लेकर सब्जी व्यापारी कृष्णदेव ने कहा कि मौसम की मार से सब्जियों की कीमतों में इजाफा हुआ है। इसका किसानों और जनता दोनों पर असर पड़ रहा है।
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