टिकट कटने पर छलका BJP सांसद वरुण गांधी का दर्द! पीलीभीत की जनता को पत्र लिखकर कहा- भले ही कोई कीमत चुकानी पड़े...
पहले माना जा रहा था कि वरुण पीलीभीत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन भी वरुण ने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिसके बाद उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया।
पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद दर्द छलका है। वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों के लिए बृहस्पतिवार को एक खुला पत्र लिखा। वरुण ने इस भावुकतापूर्ण पत्र में लिखा है कि एक सांसद के रूप में उनका कार्यकाल भले ही खत्म हो रहा हो, मगर पीलीभीत से उनका रिश्ता आखिरी सांस तक रहेगा।
बीजेपी ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है।
पहले माना जा रहा था कि वरुण पीलीभीत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन भी वरुण ने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिसके बाद उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया।
उन्होंने पीलीभीत वासियों को लिखे पत्र में इस क्षेत्र से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, "आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं तो यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वह तीन साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था। उसे कहां पता था कि एक दिन यह धरती उसकी कर्म भूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।"
वरुण ने पत्र में आगे कहा कि एक सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से उनका रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा ‘‘सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर ही सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिए हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूं कि सदैव यह कार्य करता रहूं। भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े।"
सांसद ने पत्र में कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें वर्षों तक पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। उन्होंने कहा ‘‘आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है।"
उन्होंने पत्र में कहा, "महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है जो राजनीतिक गुणा-भाग से बहुत ऊपर है। मैं आपका था, हूं और रहूंगा।"
वरुण गांधी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चचेरे भाई हैं और वह वर्ष 2019 में दूसरी बार पीलीभीत से भाजपा के सांसद चुने गए थे।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia