वाराणसी की अदालत ने अखिलेश यादव, असदुद्दीन औवेसी के खिलाफ प्राथमिकी वाली याचिका खारिज की
याचिकाकर्ता अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने तर्क दिया कि अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति और लगभग दो हजार व्यक्तियों के साथ मिलकर कथित 'शिवलिंग' को बार-बार फव्वारा बताया था, जिससे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए 'शिवलिंग' के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है।
अदालत में आवेदन पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने तर्क दिया कि अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति और लगभग दो हजार व्यक्तियों के साथ मिलकर कथित 'शिवलिंग' को बार-बार फव्वारा बताया था, जिससे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है।
पांडे ने अपनी याचिका में दोनों नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। पांडे ने कहा, ‘‘वरिष्ठ न्यायाधीश सिविल डिवीजन विनोद कुमार सिंह की अदालत ने आरोपी पक्षों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी। मामले की सुनवाई मंगलवार को अदालत में हुई थी, लेकिन आदेश की कॉपी हमें बुधवार को मिली।’’
याचिकाकर्ता अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने संकेत दिया है कि अब वह इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। पांडे ने बताया कि इससे पहले उन्होंने इस संबंध में निचली अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे भी खारिज कर दिया गया था।
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