वैक्सीन ही महामारी को रोकने की कुंजी, लेकिन सरकार को परवाह नहीं- राहुल गांधी

देश के ज्यादातर राज्यों ने टीकों की कमी की शिकायत की है। दिल्ली समेत कई राज्यों में तो टीकाकरण बंद करना पड़ा है। कई राज्यों ने टीकों के लिए जब विदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों से संपर्क किया तो उन्होंने सीधे राज्य सरकारों को टीका देने से इनकार कर दिया है।

फाइल फोटोः पीटीआई
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नवजीवन डेस्क

देश में कोरोना वायरस के कहर के बीच पूरे देश से सामने आ रही टीकों की कमी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह इसे लेकर "गंभीर" नहीं है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर कहा, "टीकाकरण महामारी को नियंत्रित करने की कुंजी है, लेकिन भारत सरकार को इसकी परवाह नहीं है।"

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ देश में वैक्सीनेश से संबंधित एक ग्राफ भी शेयर किया है, जिसमें रोजाना होने वाले टीकाकरण की संख्या में गिरावट दिखाई गई है। इस ग्राफ में 1 अप्रैल से 20 मई तक के आंकड़ों के आधार पर वैक्सीनेशन उत्पादन और प्रतिदिन और कुल वैक्सीनेशन में आई गिरावट को दिखाया गया है।


राहुल गांधी की यह टिप्पणी ऐसे दिन आई है जब देश के ज्यादातर राज्यों ने टीकों की कमी की शिकायत की है। दिल्ली समेत कई राज्यों में तो कई जगह टीकाकरण बंद करना पड़ा है। कई राज्यों ने बताया है कि टीकों की कमी के लिए जब उन्होंने टीका निर्माता कंपनियों से संपर्क किया तो उन्होंने सीधे राज्य सरकारों को टीका देने से इनकार कर दिया है।

खास बात ये है कि राज्यों में वैक्सीन की कमी के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने दावा किया है कि देश में टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 18 से 44 आयु वर्ग के 1 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है। हालांकि, यह उपलब्धि 1 मई से शुरू की गई कोविड टीकाकरण की उदारीकृत और त्वरित चरण-3 की प्रक्रिया के लागू होने के 23 दिनों के भीतर हासिल की गई है।

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