उत्तरकाशी हादसा: कभी भी बाहर आ सकते हैं 41 मजदूर, अंतिम चरण में ड्रिलिंग का काम, एंबुलेंस रेडी, अस्पताल तैयार
टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे। जिसके बाद सभी का वहीं पर प्राथमिक उपचार किया जाएगा। हादसा स्थल से करीब चार किलोमीटर दूर एक हेलिपैड बनाया गया है, जहां से जरूरत पड़ने पर श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए जारी ड्रिलिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। ऑगर मशीन से लगभग 50 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी हो गई है। अब करीब 10-15 मीटर की ही ड्रिलिंग बची हुई है। अगले दो घंटे में हो सकता है कि पाइप सुरंग से आरपार हो जाए। जिसके बाद सुरंग में 11 दिनों से फंसे हुए 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है। सुरंग में 11 दिन से फंसे श्रमिकों की चिकित्सा जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला अस्पताल तैयार किया गया है।
एनडीआरएफ ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है। टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे। जिसके बाद सभी की टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है। टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल में आठ बेड लगाए गए हैं।
वहीं, हादसे वाली जगह से करीब चार किलोमीटर दूर एक हेलिपैड बनाया गया है। जहां से जरूरत पड़ने पर श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं। सुरंग स्थल के पास कई एंबुलेंस भी तैनात कर दिए गए हैं।
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार देर शाम को अपने तमाम आला अधिकारियों के साथ उत्तरकाशी में हादसा स्थल पर पहुंच गए। मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत और बचाव कार्य का लगातार जायजा ले रहे हैं। माना जा रहा है कि मजदूरों के निकलने के समय सीएम धामी वहीं मौजूद रहेंगे।
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