उत्तराखंड: जोशीमठ में भारी बारिश के बाद पगनो गांव में भूस्खलन, लोग परेशान, घर छोड़ने को हुए मजबूर

पगनो गांव पिछले साल अगस्त माह से लगातार दरार और भूस्खलन का दंश झेल रहा है। अब भारी बारिश के कारण यहां भूस्खलन की समस्या और भी बढ़ गई है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की समस्या आए दिन बनी रहती है। हालात ये हो जाते हैं कि इसके कारण जानमाल का भी काफी नुकसान होता है। ताजा मामला उत्तराखंड के जोशीमठ का है। जोशीमठ ब्लॉक के पगनो गांव के लोग फिर एक बार भूस्खलन की समस्या के कारण अपना घर बार छोड़ने के लिए मजबूर हैं।

जानकारी के अनुसार, पगनो गांव पिछले साल अगस्त माह से लगातार दरार और भूस्खलन का दंश झेल रहा है। अब भारी बारिश के कारण यहां भूस्खलन की समस्या और भी बढ़ गई है। ऊंची चोटियों से पत्थर गिरकर पगनो गांव में आ जाते हैं और इस वजह से घरों को जाने वाले रास्ते भी बंद हो जाते हैं।

यही नहीं, मलबे के साथ जहरीले सांप और बिच्छू भी ग्रामीणों के घरों तक पहुंच जाते हैं, जिस कारण ग्रामीणों की जान का खतरा और भी बढ़ जाता है।

ग्रामीण ने बताया कि शुक्रवार रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद एक बार फिर से पगनो गांव में भूस्खलन हुआ। पहाड़ों से गिरा मलबा पगनो गांव में मौजूद घरों पर आकर गिरा है, जिससे उनके घरों को काफी नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा, “भूस्खलन की समस्या यहां लगातार बनी रहती है। इस कारण पूरे गांव को डर के साये में अपनी रात काटनी पड़ती है। यही नहीं, प्रशासन की ओर से भी ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम भी नहीं उठाए गए हैं। लैंडस्लाइड के बाद पूरी रात सभी लोग डरे हुए हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हैं।”

पिछले महीने, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में भूमि धंसने और दरारों की समस्या के समाधान के लिए की गई कार्रवाई पर एक हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

यहां जनवरी 2023 की शुरुआत में जमीन धंस गई थी, जिसके कारण बड़ी संख्या में निवासियों को विस्थापित होना पड़ा था।

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