उत्तराखंडः अंकिता भंडारी हत्याकांड को उठाने वाला पत्रकार देर रात गिरफ्तार, विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

पत्रकार आशुतोष नेगी इस आंदोलन के कवरेज के अलावा आंदोलन का संचालन भी कर रहे थे। बताया जाता है कि सरकार के निर्देश पर उन्हें मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उनके गिरफ्तार होते ही लोग सड़कों पर आ गए और उन्होंने प्रदर्शन किया।

अंकिता भंडारी हत्याकांड को उठाने वाला पत्रकार देर रात गिरफ्तार, विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
अंकिता भंडारी हत्याकांड को उठाने वाला पत्रकार देर रात गिरफ्तार, विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। डेढ़ साल पहले हुए हत्याकांड में अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन चला रहे पत्रकार आशुतोष नेगी को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं और विरोध कर रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी हैशटैग कैंपेन शुरू हो गया है। आंदोलन कर रहे लोगों ने पुलिस पर बीजेपी नेताओं को बचाने का आरोप लगाया है।

उत्तराखंड में 18 सितंबर 2023 को लापता हुई अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर की सुबह ऋषिकेश की चीला नहर से मिला था। वो ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। पुलिस ने बताया था कि रिसॉर्ट का मालिक और मैनेजर अंकिता पर खास मेहमानों को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बना रहे थे। जब उसने विरोध किया तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी। इस मामले में कुछ बीजेपी नेताओं के नाम आए थे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो लोग भड़क उठे। उसी बीच रिसॉर्ट को बुलडोजर से गिराकर सारे सबूत भी मिटा दिए गए।


उसी समय से अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय पत्रकार आशुतोष नेगी ने शुरू से इस मामले को उठाया। उन्होंने अपने पोर्टल पर इसकी जमकर कवरेज की। इसके बाद नेगी के सहयोग से लोगों ने युवा न्याय संघर्ष समिति बनाकर पौड़ी में आंदोलन छेड़ दिया। पिछले कुछ दिनों से आंदोलन एक बार फिर तेज हुआ है। उसके माता-पिता और स्थानीय लोग पौड़ी में धरने पर बैठे हैं, जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी और भाषण भी हो रही है।

पत्रकार आशुतोष नेगी इस आंदोलन के कवरेज के अलावा आंदोलन का संचालन भी कर रहे थे। बताया जाता है कि सरकार के निर्देश पर उन्हें मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उनके गिरफ्तार होते ही लोग सड़कों पर आ गए और उन्होंने प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि पुलिस अब अंकिता के लिए इंसाफ मांग रहे लोगों पर भी कार्रवाई कर रही है। 

हालांकि, पत्रकार आशुतोष नेगी को सूत्रों से पहले ही पता चल गया था कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी करने वाली है। गिरफ्तारी से पहले 4 मार्च को उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है- “पुख़्ता सूत्रों के हवाले से ख़बर, डीजीपी अभिनव कुमार के एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे को निर्देश किसी भी तरह आशुतोष नेगी को नई धाराएं जोड़ जेल में धरो, मेरे जेल में जाने के बाद भी अंकिता को न्याय दिलाने के लिये लड़ाई जारी रहे... जय पहाड़-जय पहाड़ी पहाड़वाद ज़िंदाबाद।”


वहीं पत्रकार नेगी की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड के डीजी का कहना है कि आशुतोष नेगी को समाज में अव्यवस्था फैलाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। डीजीपी का कहना है कि वो लोगों को उकसा रहे थे। डीजी ने कहा कि आशुतोष नेगी को गिरफ्तार किया गया है। अभी उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। वह बिना किसी साक्ष्य के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पूरे मामले में उत्तराखंड सरकार की तरफ से पूरा समर्थन मिला। पुलिस बिना किसी दबाव के काम कर रही है। इस मामले में अनर्गल आरोप लगा रहे लोग या तो भावनाओं में बहे हैं या फिर किसी एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे हैं।

हालांकि पौड़ी में बड़ी संख्या में लोगों ने जुलूस निकालकर पुलिस की बातों को झुठला दिया है। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस अंकिता के पिता को गिरफ्तार नहीं कर सकती तो उसने आशुतोष नेगी को गिरफ्तार कर लिया। नेगी पर इससे पहले एससी/एसटी धारा में भी पुलिस ने केस दर्ज किया था। उत्तराखंड पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में काफी गुस्सा है।

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