उत्तराखंडः BJP सरकार उड़ा रही है चुनाव आयोग के निर्देशों की धज्जियां, हरीश रावत ने बड़े पैमाने पर तबादलों पर लगाया आरोप
हरीश रावत ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद आबकारी विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए, जिसमें करोड़ो रुपए का खेल खेला गया। आबकारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए और चहेतों को पोस्टिंग दी गई, जो सरासर गलत है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य की बीजेपी सरकार पर चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद आबकारी विभाग द्वारा अहम आदेश जारी करने और विभिन्न विभागों में बड़े पैमाने पर तबादला करने का आरोप लगाया है।
हरीश रावत ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद आबकारी विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए। इसके जरिये करोड़ो रुपए का खेल खेला गया। इतना ही नहीं, आबकारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता विभाग में चहेतों को पोस्टिंग दी गई। शिक्षा विभाग में खुले तौर पर छुट्टी के दिन 600 से ज्यादा तबादला आदेश जारी किए गए।
हरीश रावत ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नियुक्तियां करना उचित नही है। इस मामले में कांग्रेस ने चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दर्जाधारियो के मामले पर संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा है कि जिन अधिकारियों के आदेश से दर्जाधारियो को नियुक्ति दी जा रही है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते 8 जनवरी को चुनाव आयोग ने उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लग जाती है, जिसके तहत सरकारें कोई नई योजना या नीति का ऐलान नहीं कर सकती हैं। साथ ही सरकारें बिना आयोग की इजाजत लिए सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले भी नहीं कर सकती हैं। ऐसे में बीजेपी सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर तबादला किये जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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