उत्तर प्रदेश: मकानों पर बुलडोजर चलाने पर भड़के ग्रामीण, दो लेखपालों को पुलिस के सामने ही पीटा, फैला तनाव

नवाबगंज थाना के उखरा गांव में बुलडोजर कार्रवाई के बाद पहुंचे बीजेपी नेता पुलिस से बात कर ही रहे थे, तभी कुछ ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद लेखपाल रुद्र प्रताप सिंह और सौरभ पांडेय पर हमला कर दिया, जिसमें दोनों घायल हो गए। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला।

उत्तर प्रदेश में मकानों पर बुलडोजर चलाने पर भड़के ग्रामीण, दो लेखपालों को पुलिस के सामने ही पीटा
उत्तर प्रदेश में मकानों पर बुलडोजर चलाने पर भड़के ग्रामीण, दो लेखपालों को पुलिस के सामने ही पीटा
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पीटीआई (भाषा)

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में अपने गांव के अनेक मकानों पर बुलडोजर की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने दो लेखपालों (राजस्व अधिकारी) को सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में जमकर पीटा। इससे नाराज लेखपालों के संगठन ने मारपीट करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

यह घटना नवाबगंज थाना क्षेत्र के उखरा गांव में हुई जहां शनिवार को जिला प्रशासन की टीम ने बुलडोजर चलाकर सरकारी जमीन पर बने कई मकानों को ढहा दिया था। सत्तारूढ़ बीजेपी के कुछ नेता सोमवार को गांव पहुंचे। बीजेपी नेता जब पुलिस क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार और थाना प्रभारी बलराज भाटी के साथ लोगों से बात कर रहे थे, तभी कुछ ग्रामीण उग्र हो गए और मौके पर मौजूद लेखपाल रुद्र प्रताप सिंह और सौरभ पांडेय पर हमला कर दिया, जिसमें दोनों घायल हो गए। बाद में पुलिस ने किसी तरह भीड़ को तितर-बितर किया और स्थिति को नियंत्रित किया।


इस घटना के विरोध में लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने नवाबगंज थाने में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष अजीत द्विवेदी ने कहा कि उनके साथियों को बेरहमी से पीटकर जख्मी कर दिया गया और उनके अभिलेख छीन लिए गए। जब तक मारपीट के आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

गौरतलब है कि नवाबगंज थाना क्षेत्र के उखरा गांव में पिछले शनिवार को सरकारी जमीन पर कथित रूप से अवैध तरीके से बने 25 मकानों को बुलडोजर चलवाकर ढहा दिया गया था।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए 'एक्‍स' पर कहा था, ''ये है प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा है। बीजेपी बसे-बसाए घरों को गिराकर सुख पाती है। जिन्होंने अपने घर नहीं बसाए, पता नहीं वो दूसरों के घर गिराकर किस बात का बदला लेते हैं। हर गिरते घर के साथ बीजेपी और भी नीचे गिर जाती है।''


उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 17 सितंबर को अंतरिम आदेश पारित किया था कि देश में बिना उसकी अनुमति के किसी भी संपत्ति को नहीं गिराया जाना चाहिए। हालांकि, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण के मामलों में लागू नहीं होगा।

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