उत्तर प्रदेशः बीजेपी की कमल संदेश बाइक रैली में उड़ी नियमों की धज्जियां, सांसदों-विधायकों ने भी तोड़ा कानून
केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने ‘कमल संदेश बाइक रैली’ निकाली। इस दौरान कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी के कई सांसद-विधायक तक ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाते नजर आए।
आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी अभी से उसकी तैयारियों में जुट गई है। इसी के तहत मोदी और योगी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए शनिवार को पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 'कमल संदेश बाइक रैली' का आयोजन किया। बगैर किसी विशेष अवसर के अभी से ही कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए निकाली गई इस बाइक रैली में ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। रैली में शामिल अधिकतर कार्यकर्ता नियमों को तोड़ते हुए बिना हेलमेट और कई सवारी बैठाकर बाइक चलाते नजर आए। इतना ही नहीं बीजेपी के कई सांसद और विधायक भी इस दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बाइक रैली में नजर आए।
राज्य भर में आयोजित की गई इस बाइक रैली को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। लेकिन खास बात ये है कि जिस समय योगी रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कार्यकर्ताओं को हेलमेट लगाकर चलने और अनुशासन में रहने का पाठ पढ़ा रहे थे, ठीक उसी समय कई जिलों में बीजेपी के सांसद और विधायक सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सड़क सुरक्षा कानून की धज्जियां उड़ाने में जुटे थे।
बांदा जिले में निकाली गई इस बाइक रैली में बीजेपी संसद भैरो प्रसाद मिश्रा, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, जिलाध्यक्ष लवलेश सिंह और क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह समेत सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने बिना हेलमेट लगाए और दो से ज्यादा लोगों को बैठाकर जमकर शहर भर में सड़क सुरक्षा कानून की धज्जियां उड़ाईं। सवाल पूछे जाने पर बांदा-चित्रकूट के सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने काफी दिनों बाद बाइक चलाया है, इसलिए हेलमेट लगाने में परेशानी हो रही थी। हालांकि उन्होंने कहा कि दूसरे लोगों को हेलमेट लगाना चाहिए, यह गलती हुई है।
वहीं, इस बाइक रैली में प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी बाइकों पर सवार होकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए। हालांकि ये मंत्री तो बाइक चलाते हुए हेलमेट लगाए दिखे, लेकिन उनके साथ रैली में चल रहे बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता बिना हेलमेट के दिखे।
पूरे प्रदेश का लगभग यही नजारा था। हर जिले में एक-दो नेताओं को छोड़कर ज्यादातर बाइक सवार बिना हेलमेट के ही नजर आए। लेकिन खास बात ये है कि इस दौरान पूरे प्रदेश में कहीं भी परिवहन या पुलिस विभाग के अधिकारियों ने उन्हें कानून के दायरे में रहने और नियमों का पालन करने की सलाह देने की भी जहमत नहीं उठाई।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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