उत्तर प्रदेश को फिर नहीं मिला पूर्णकालिक पुलिस प्रमुख, आर के विश्वकर्मा बनाए गए कार्यवाहक डीजीपी
आरके विश्वकर्मा के चयन के पीछे बड़ी वजह उनकी कार्यशैली और ईमानदार छवि है। वह डीजी इंटेलीजेंस के साथ पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। विश्वकर्मा जौनपुर के रहने वाले हैं और समाजवादी पार्टी सरकार में आईजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
उत्तर प्रदेश को एक बार फिर पूर्णकालिक पुलिस प्रमुख नहीं मिल पाया है। वर्तमान कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के सेवानिवृत्त होने के बाद राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा को यूपी पुलिस का कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। राजकुमार विश्वकर्मा 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और दो माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज शाम जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान की जगह आर के विश्वकर्मा को तैनात किया गया है। वरिष्ठता क्रम में 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल के बाद उत्तर प्रदेश कैडर में दूसरे नंबर के वरिष्ठ अधिकारी आरके विश्वकर्मा का कार्यकाल 31 मई, 2023 तक है।
पुलिस महानिदेशक के पद के लिए आरके विश्वकर्मा के चयन के पीछे बड़ी वजह उनकी कार्यशैली और ईमानदार छवि है। वह 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं। आरके विश्वकर्मा जौनपुर के रहने वाले हैं। आरके विश्वकर्मा समाजवादी पार्टी सरकार में आईजी कानून व्यवस्था के पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
यहां बता दें कि पिछले 11 महीने से यूपी पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान 31 मार्च को सेवानिवृत हो गए। चौहान 1988 बैच के आईपीएस अफसर थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दी।
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