मौसी ने बताईं कमला हैरिस की बचपन की वो खूबियां, जिसकी वजह से आज वो बनीं अमेरिका की उपराष्ट्रपति!
कमला हैरिस की मौसी सरला गोपाल ने कहा कि हमने हमेशा उसे (कमला हैरिस) एक अच्छे बच्चे के रूप में बड़े होते देखा है। उसने जो कुछ भी किया वह बहुत अच्छा था और उसने वह हासिल किया जो वह करना चाहती थी।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद पर जीत का परचम लहराने वाली भारतीय मूल की कमल हैरिस की अमेरिका और भारत दोनों देशों में खूब चर्चा हो रही है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनके परिवार और रिश्तेदारों के घर में जश्न का माहौल है। हर कोई बिटिया की कामयाबी पर फख्र कर रहा है और उनकी खूबियां गिना रहा है। जाहिर है इंसान अपनी खूबियों की वजह से बड़े मुकाम हासिल करता है। कमल हैरिस के अंदर वो कौन सी खूबियां थीं, जिसकी वजह से वह यहां तक पहुंची हैं, इस बारे में उनकी मौसी सरला गोपालन ने बताया है।
कमला हैरिस की मौसी सरला गोपाल ने कहा, “मैं एक डॉक्टर हूं और चंडीगढ़ में काम करती हूं। कमला चंडीगढ़ और कई अन्य जगहों पर हमसे कई बार मिलने के लिए आई है। हमने हमेशा उसे (कमला हैरिस) एक अच्छे बच्चे के रूप में बड़े होते देखा है। उसने जो कुछ भी किया वह बहुत अच्छा था और उसने वह हासिल किया जो वह करना चाहती थी।”
डॉक्टर सरला गोपालन ने कहा कि उनका परिवार बहुत खुश है कि कमला हैरिस ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही जो भी कमल करना चहाती थी उसे वह हासिल कर लेती थी। डॉक्टर सरला चेन्नई से हैं, और वह कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन की छोटी बहन हैं। श्यामला गोपालन का जन्म चेन्नई में हुआ था। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। श्यामला एक प्रमुख कैंसर शोधकर्ता और कार्यकर्ता थीं।
वहीं, कमला हैरिस की जीत के बाद उनकी बहन माया हैरिस ने कहा कि मम्मी ने हमें सिखाया कि हम कुछ भी कर सकते हैं। वह आज गर्व से परे होंगी। कमला हैरिस के मामा गोपाल बालचंद्रन भी कमला की जात की खबर से खुश हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कल ही अपनी भांजी से कहा था कि वह जीतने जा रही है।
20 अक्टूबर 1964 को कैलिफोर्निया के ओकलैंड में जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं। उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे। यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया।
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Published: 09 Nov 2020, 9:38 AM