शहरी घनत्व का उच्च कोरोना संक्रमण से संबंध नहीं, जॉन्स हॉपकिन्स के शोध में मौतें भी कम

शोधकर्ताओं ने अमेरिका में 913 मेट्रोपॉलिटन काउंटी में सार्स-कोव-2 संक्रमण दर और कोविड-19 से हुई मौतों की दर की जांच की। प्रजाति, नस्ल और शिक्षा जैसे अन्य कारकों के आधार पर इस शोध में पता चला कि शहरी आबादी घनत्व का संक्रमण दर के साथ कोई खास संबध नहीं है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

सघन आबादी वाली जगहों को कोरोना वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल माना जाता है, लेकिन ताजा शोध के नतीजों के आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका कोरोना संक्रमण के उच्च दर से संबंध नहीं है। अमेरिकन प्लानिंग एसोसिएशन की पत्रिका में प्रकाशित जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के निष्कर्ष में यह भी पाया गया कि सघन क्षेत्र में कोविड-19 से हुई मौतों की दर कम देखने को मिली।

अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की अध्ययन प्रमुख लेखक शिमा हमीदी ने कहा, "इन निष्कर्षों से पता चलता है कि शहरी योजनाकारों को कॉम्पैक्ट (सुसंबद्ध) स्थानों को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए।"

अपने विश्लेषण के लिए, शोधकर्ताओं ने अमेरिका में 913 मेट्रोपॉलिटन काउंटी में सार्स-कोव-2 संक्रमण दर और कोविड-19 से हुई मौतों की दर की जांच की। जब प्रजाति, नस्ल और शिक्षा जैसे अन्य कारकों को ध्यान में रखा गया, तो शोधकर्ताओं ने पाया कि काउंटी घनत्व का काउंटी संक्रमण दर के साथ महत्वपूर्ण रूप से संबध नहीं है।

शोध के निष्कर्षों से यह भी पता चला कि सघन आबादी वाली काउंटियों में ज्यादा बड़े और फैले इलाके वाले काउंटी की अपेक्षा मृत्युदर कम है। संभवत: ऐसा इसिलए रहा, क्योंकि वहां बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों सहित विकास का भी उच्च स्तर है। लोगों के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं और अपेक्षाकृत जीवन आसान है।

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