यूपी: बेटे को बेचकर अस्पताल से बीवी को कराया डिस्चार्ज, दिल दहलाने वाली घटना पर प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला

प्रियंका गांधी ने पूछा, ‘‘कहां हैं सरकार की योजनाएं? कहां है स्वास्थ्य विभाग? किसके लिए चल रही सरकार? क्या अब हमारे देश में जिंदा रहने के लिए इंसानों को इंसानों की खरीद-फरोख्त पड़ेगी?’’

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अस्पताल का बिल भरने के लिए एक व्यक्ति को अपने बेटे को कथित तौर पर ‘‘बेचने’’ के लिए मजबूर किए जाने की घटना दिल दहला देने वाली है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब देश में जिंदा रहने के लिए इंसानों को दूसरे लोगों को ‘‘खरीदना और बेचना’’ पड़ेगा।

अधिकारियों ने बताया था कि हरीश पटेल नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन अस्पताल की फीस भरने में असमर्थ रहने पर जच्चा-बच्चा को अस्पताल से नहीं जाने दिया गया।

उन्होंने बताया था कि अपनी पत्नी और नवजात शिशु की छुट्टी कराने के लिए पटेल शुक्रवार को बच्चा गोद लेने के एक फर्जी समझौते के तहत महज कुछ हजार रुपये में अपने बेटे को बेचने के लिए राजी हो गया।

इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया और घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने शनिवार को पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें बच्चे को साथ ले जाने वाला एक दंपति भी शामिल था।

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में तंगहाली के चलते एक व्यक्ति द्वारा अपना बच्चा बेचे जाने की घटना दिल दहलाने वाली है। हरीश पटेल ने अपनी गर्भवती पत्नी लक्ष्मीना को एक अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बेटी को जन्म दिया। अस्पताल ने इलाज के चार हजार रुपये मांगे। हरीश के पास रुपये नहीं थे। अस्पताल ने जच्चा-बच्चा को छुट्टी देने से मना कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पत्नी और नवजात बच्ची को घर लाने के लिए मजबूर होकर हरीश पटेल ने अपने एक बेटे को 20,000 रुपये में बेच दिया। बच्चा खरीदने वाले ने बाकायदा तहसील में स्टांप बनवाया और पुलिस ने भी उनसे 5,000 रुपये की रिश्वत ली। मानवता को शर्मसार करने वाले इस कृत्य में सरकारी तंत्र भी हिस्सेदार रहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हरीश के परिवार पर पहले से कई ‘माइक्रो फाइनेंस’ कंपनियों का कर्ज है जिसे वह चुका नहीं पा रहे हैं। हरीश के जैसे तमाम गरीब परिवार इन कंपनियों के चंगुल में फंस चुके हैं और उनसे 30 से 40 प्रतिशत तक ब्याज वसूला जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कहां हैं सरकार की योजनाएं? कहां है स्वास्थ्य विभाग? किसके लिए चल रही सरकार? क्या अब हमारे देश में जिंदा रहने के लिए इंसानों को इंसानों की खरीद-फरोख्त पड़ेगी?’’

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