यूपी: GST दफ्तर में निर्वस्त्र प्रदर्शन करने वाले व्यापारी ने निकाली पदयात्रा, कहा-...सीएम को सौंप दूंगा चाबियां
लखनऊ रवाना होने से पहले जैन ने कहा, ‘‘अगर कोई जीएसटी अधिकारी या कोई अन्य विभाग का अधिकारी मुझे और परेशान करता है तो मैं अपना कारोबार बंद कर दूंगा और दुकान की चाबियां मुख्यमंत्री को सौंप दूंगा।’’
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों के ‘लगातार उत्पीड़न’ से परेशान होकर पिछले सप्ताह जीएसटी कार्यालय में अपने कपड़े उतारकर प्रदर्शन करने वाले मेरठ के लोहा व्यापारी ने प्रताड़ना के विरोध में बुधवार को परिजनों और समर्थकों के साथ पद यात्रा निकाली।
लोहा कारोबारी अक्षत जैन ने गंगा नगर स्थित जैन मंदिर में अनुष्ठान करने के बाद यह मार्च शुरू किया। प्रदर्शन के बाद जैन और उनके परिवार के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए लखनऊ रवाना हो गए।
लखनऊ रवाना होने से पहले जैन ने कहा, ‘‘अगर कोई जीएसटी अधिकारी या कोई अन्य विभाग का अधिकारी मुझे और परेशान करता है तो मैं अपना कारोबार बंद कर दूंगा और दुकान की चाबियां मुख्यमंत्री को सौंप दूंगा।’’
उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से जीएसटी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई और अपने खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की मांग करेंगे।
लोहा कारोबारी जैन ने इस महीने चार अक्टूबर को गाजियाबाद के मोहन नगर में जीएसटी कार्यालय में अपने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया था। जैन ने कहा था कि उनका यह कदम विभाग द्वारा लगातार उत्पीड़न के कारण पैदा हुई हताशा का परिणाम है।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर वह वीडियो साझा करते हुए राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार की कड़ी आलोचना की थी।
कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करने पर जीएसटी विभाग के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव की शिकायत पर साहिबाबाद पुलिस ने अक्षत जैन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 (सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस बीच, विश्व श्रमण संस्कृति श्रीसंघ के राष्ट्रीय सचिव सुदीप जैन ने व्यापारी अक्षत जैन की पुरजोर हिमायत की है।
जैन ने कहा, ‘‘यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है कि गाजियाबाद में जीएसटी अधिकारियों ने अपने कृत्य पर खेद व्यक्त करने के बजाय लोहा व्यापारी अक्षत जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना हर भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है। अधिकारी असहमति को दबाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि भविष्य में अक्षत जैन जैसा कोई व्यक्ति अपनी आवाज न उठा सके। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जैन के खिलाफ मामला वापस नहीं लिया गया तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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