चिन्मयानंद से रंगदारी मांगते थे बीजेपी के दो नेता, एक सहकारी बैंक के चेयरमैन, पेन ड्राइव से मिला अश्लील वीडियो
चिन्मयानंद केस की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने बीजेपी के दो नेताओं का नाम लिया है और उनसे करीब 12 घंटे तक पूछताछ की है। एसआईटी चिन्मयानंद से जबरन वसूली के आरोपों की जांच कर रही है। इन नेताओं के पास से अश्लील वीडियो बरामद हुए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चिन्मयानंद को ब्लैक मेल कर जबरन वसूली करने की कथित साजिश के मामले में एसआईटी ने बीजेपी को दो नेताओं का नाम लिया है। इन दोनों नेताओं के नाम डी पी सिंह राठौर और अजित सिंह है। एसआईटी ने रविवार को डी पी सिंह से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की। एसआईटी इस बात की जांच कर रही है कि चिन्मयानंद से वसूली की कोशिश में इन नेताओं की क्या भूमिका है।
डी पी सिंह राठौर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं और उस समय राजस्थान के दौसा में मौजूद थे जब उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की क्राइम ब्रांच की टीम 23 वर्षीय लॉ स्टूडेंट को लेने के लिए पहुंची थी। यह छात्रा दौसा के मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के पास 30 अगस्त को मिली थी। छात्रा 24 अगस्त से लापता हो गई थी।
एसआईटी ने राठौर का लैपटॉप और कुछ पेन ड्राइव अपने कब्जे में लिए हैं। मानाजा रहा है कि लैपटॉप और पेन ड्राइव में पूरे मामले की कुछ वीडियो हो सकती है। ध्यान रहे कि कानून की छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा था कि अजित सिंह नाम के एक व्यक्ति ने उससे वह पेन ड्राइव ले लिया था जिसमें चिन्मयानंद द्वारा उसके यौन शोषण के सबूत थे।
एसआईटी अफसरों ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि बीजेपी नेता से मिले पेन ड्राइव में अश्लील और बेहद घिनौना यौन वीडियो मिला है।
चिन्मयानंग को विभिन्न धाराओं में उस समय गिरफ्तार किया गया जब उनके लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाय था। वहीं इस छात्रा को भी पुलिस ने चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर वसूली करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस छात्रा के साथ दो युवकों संजय सचिन और विक्रम को भी गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ के दौरान डी पी सिंह राठौर ने बताया कि जब वह दौसा में था तो उसके साथ अजित सिंह नाम का दूसरा बीजेपी नेता भी था, जो मामले के आरोपी विक्रम का रिश्तेदार है।
एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा का कहना है कि डी पी सिंह राठौर और अजित सिंह दौसा में छात्रा के साथ मौजूद थे और उनके इस वसूली की साजिश में शामिल थे। उन्होंने बताया कि, “राठौर और अजित सिंह ने चिन्मयानंद से वीडियो के आधार पर पैसे की मांग की थी। इन दोनों के नाम अब वसूली केस में शामिल किए जाएंगे।”
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