योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर पूर्व कांग्रेस विधायक समेत 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
योगी सरकार का विरोध कर रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक और उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह समेत उनके 13 समर्थकों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने प्रयागराज में लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ऐसा लग रहा है जैसे योगी सरकार कोरोना काल का इस्तेमाल अपने विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है। क्योंकि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहा है उस पर कार्रवाई होती दिख रही है। पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जेल में डाला गया और अब योगी सरकार का विरोध कर रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक और उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह समेत उनके 13 समर्थकों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने प्रयागराज में लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूर्व विधायक और उनके साथियों पर कोरोना महामारी अधिनियम के तहत कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
अनुग्रह नारायण सिंह अपने समर्थकों के साथ उपश्रमायुक्त के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन पर आरोप लगाया है कि धारा 144 लागू होने के बावजूद उन्होंने ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के मजदूर नेताओं के साथ उपश्रमायुक्त के कार्यालय पर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया।
पुलिस का कहना है कि इस प्रदर्शन के दौरान लॉकडाउन और कोरोना महामारी की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ है। कर्नलगंज थाना पुलिस ने लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने और धारा 144 का उल्लंघन कर नारेबाजी करने के आरोप में आईपीसी की धारा 188 और 269/270 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यही नहीं, पुलिस ने मजदूर नेता डॉक्टर कमल उसरी और सुभाष पांडेय के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं, पूर्व विधायक और उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने पुलिस पर राजनीति विद्वेष के चलते बदले की भावना से मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का 22 मई को देशव्यापी हल्लाबोल का पहले से ही ऐलान किया गया था। जिसको लेकर कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटेक की ओर से विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था।'
अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा है, 'सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उपश्रमायुक्त कार्यालय पर नारेबाजी कर पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन किया गया था। इसके साथ ही उपश्रमायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा गया लेकिन मजदूरों को बसों से उनके घर भेजने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से उठाये गए कदम से बौखलायी सरकार ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।'
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