आधी रात हाथरस की पीड़िता को जलाने वाली यूपी पुलिस का दावा- रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं

हाथरस गैंगरेप की पीड़िता के शव को आधी रात को परिजनों की गैरमौजूदगी में आनन-फानन जलाने वाली यूपी पुलिस ने अब दावा किया है कि पीड़िता के साथ कोई रेप नहीं हुआ था। उल्टा पुलिस ने आरोप लगाया कि जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस केस को गलत तरीके से पेश किया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव की 19 साल की युवती के साथ बीते दिनों सामूहिक दुष्कर्म के बाद पीट-पीटकर उसकी जान ले ली गई। पुलिस ने रात के अंधरे में परिजनों की गैरमौजूदगी में उसका दाह संस्कार करवा दिया, यह समूचे देश को पता है। लेकिन यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने अब दावा किया है कि दुष्कर्म हुआ ही नहीं। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, "गुड़िया की मौत का कारण 14 सितंबर को उसके साथ हुई बर्बरतापूर्वक मारपीट है। लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।"

यूपी पुलिस के एडीजी ने कहा कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की पोस्टमर्टम रिपोर्ट के बाद आगरा में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) की रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि हो गई है कि लड़की के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि गुरुवार को जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और रीढ़ की हड्डियां भी टूटी हुई हैं। पीड़िता को ब्लड इन्फेक्शन और हार्ट अटैक भी आया था।

प्रशांत कुमार ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, मौत का वक्त 29 सितंबर को सुबह 6 बजकर 55 मिनट बताया जा रहा है। इस मामले में पीड़िता की फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट आ गई है। इसमें भी उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आगरा की लैब से मिली रिपोर्ट में युवती में शुक्राणु नहीं पाया गया है।

प्रशांत कुमार ने दावा किया कि कुछ लोगों ने प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के मकसद से इस केस को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। इस प्रकरण में पुलिस ने शुरू से ही त्वरित और तत्समय कार्रवाई करके माहौल बिगड़ने से बचाया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मामले को अनावश्यक तूल देकर माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, "अब हम विधिक कार्रवाई के तहत ऐसे लोगों की पहचान में लगे हैं, जिन्होंने प्रदेश के सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के साथ ही जातीय हिंसा को फैलाने का प्रयास किया है। वे जवाबदेह प्रशासन की अनुमति के बिना काम करके हाथरस को दंगे की आग में झोंकना चाहते थे। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।" उन्होंने कहा कि हाथरस की इस घटना में कुछ लोगों ने जातीय संघर्ष कराने का प्रयास किया है। अब उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

गौरतलब है कि हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले को लेकर यूपी सरकार पिछले दो दिनों से बैकफुट पर है। इस मामले में कल पीड़िता के शव को आधी रात को पुलिस द्वारा जबरन जलाए जाने की खबर आने के बाद से योगी सरकार और यूपी पुलिस की देश भर में किरकिरी हो रही है। तमाम विपक्षी पार्टियां और सामाजिक कार्यकर्ता यूपी पुलिस और योगी सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं।

हालात इतने बिगड़ गए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को बात करनी पड़ी, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जो कि मामले की जांच कर रही है। वहीं सीएम योगी ने वीडियो कॉल के जरिए बुधवार रात लड़की के पिता से बात की और परिवार की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। मृतका के परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी। परिवार को 25 लाख रुपये की मदद के साथ ही हाथरस शहर में एक मकान भी दिया जाएगा।

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