योगी सरकार के मंत्री पत्नी समेत कोरोना पॉजिटिव, यूपी में एक दिन में 772 नए मामले, आंकड़ा 25000 के पार
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आयुष मंत्री और उनकी पत्नी कोरोना पाजिटिवव पाए गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं शनिवार को राज्य में 772 नए मामले सामने आने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की आकंड़ा 25000 पार कर गया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना ने अब सरकार के मंत्रियों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के बाद अब आयुष राज्यमंत्री डॉ़ धर्म सिंह सैनी भी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। मंत्री सैनी के नमूने की जांच सहारनपुर के जिला अस्पताल में कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा़ॅ बीएस सोढ़ी ने की है।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मंत्री को पिलखनी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में क्वारंटाइन रहने के लिए भेजा गया है। आयुष मंत्री के पूरे परिवार को होम क्वारंटाइन किया गया है। जांच के लिए उनके परिवार के सदस्यों के भी सैंपल लिए गए हैं। रिपोर्ट रविवार को आएगी। सीएमएस ने बताया कि मंत्री को खांसी की शिकायत है और वह थकावट भी महसूस कर रहे हैं।
आयुष राज्यमंत्री का पहले एक्सरे किया गया। उसके बाद शनिवार को ट्र-नट मशीन से उनकी कोरोना जांच कराई गई, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राज्यमंत्री की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची है।
एक दिन में 772 मामले, आंकड़ा 25000 के पार
उत्तर प्रदेश में शनिवार को 772 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। नए मरीजों के साथ प्रदेश में कुल सक्रिय मामले 7627 हो गए हैं। जबकि 18154 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। कोरोना से अब तक 773 मरीजों की मौत हो चुकी है। अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में अब तक 18154 लोगों को कोरोना से मुक्ति मिल चुकी है। शनिवार को और 772 लोग संक्रमण से पीड़ित मिले हैं।
प्रसाद ने कहा, "टेस्टिंग पर हमारा बहुत ज्यादा जोर है। हमारी कोशिश लगातार जांच क्षमता को बढ़ाने की है। राज्य में अब प्रतिदिन 25 हजार से अधिक जांच की जा रही है। शुक्रवार को 26 हजार 161 सैंपल की जांच हुई है। वहीं विभिन्न लैब में 29 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए।"
उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक कुल 8 लाख 34 हजार 991 कोरोना के टेस्ट हो चुके हैं। प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के समुदायिक संक्रमण का पता लगाने के लिए विभिन्न व्यवसाय के लोगों की रैंडम सैंपलिंग की जा रही है। हाल ही में दवा विक्रेताओं और सैनिटाइजेशन का कार्य करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर की रैंडम सैंपलिंग की गई।
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