एक बोतल, दो अद्धे, तीन पव्वे, दो बीयर और तीन बीयर केन: यूपी ने तय कर दी शराब खरीदने की सीमा
उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ को काबू में करने और अव्यवस्था रोकने के लिए शराब खरीदारी की सीमा तय कर दी है। सरकार ने इसके लिए बाकायदा निर्देश जारी कर दिए हैं।
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के तीसरे चरण में सोमवार को शराब की दुकानें खुलते ही उमड़ पड़ी भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग ने इस पर लगाम लगाई है। विभाग ने एक बार में कितनी शराब खरीदी जा सकती है, इसकी सीमा तय कर दी है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (आबकारी) संजय भूसरेड्डी ने कहा कि प्रदेश में शराब की बिक्री शुरू हो गई है। तीन-चार दिन सीमित मात्रा में ही लोग शराब खरीद सकेंगे। एक बार में एक व्यक्ति सिर्फ एक बोतल, दो अद्धा, तीन पव्वा, दो बीयर की बोतलें और तीन बीयर की केन खरीद सकता है।
उन्होंने दुकानदारों की भी जमकर क्लास ली और ओवररेटिंग रोकने का सख्त निर्देश दिया। उनके औचक निरीक्षण से खलबली मच गई। उन्होंने कहा कि ओवररेटिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्ररवाई की जाएगी।
दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए ग्राहकों के लिए घेरे बनाए गए हैं और किसी भी तरह हंगामे से बचने के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।
सोमवार को सुबह से ही शराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ ने फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ ही तमाम गाइडलाइन का उल्लंघन किया तो प्रमुख सचिव भूसरेड्डी के साथ आबकारी आयुक्त पी़ गुरुप्रसाद को भी मैदान में उतरना पड़ा।
प्रदेश में शराब की दुकानों पर पहले ही दिन उमड़ी भीड़ से सूबे के आबकारी विभाग को पहले ही दिन काफी बड़ा राजस्व भी मिलने का अनुमान है। शराब की दुकानों पर आबकारी के साथ पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। इस दौरान यह भी देखा जा रहा है कि हर जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग का कितना और किस तरह से पालन किया जा रहा है।
आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने बताया कि आगे भी शराब की दुकानें खुलती रहेंगी। उन्होंने बताया कि अभी फैक्टरी से स्टॉक दुकानों तक पहुंचने में समय लग रहा है। ऐसे में कहीं भी एक व्यक्ति को एक बोतल से अधिक शराब नहीं दी जाए।
उन्होंने कहा कि निर्धारित कीमतों का भी ध्यान रखा जाए। कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर शराब की दुकानों को खोलना गलत बताया जा रहा है। इस पर आबकारी मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने सब कुछ ध्यान में रखकर ये निर्णय लिया है। इससे राजस्व की भी बड़ी क्षति हो रही थी। आगे सरकार जो भी निर्णय करेगी, उसका पालन कराया जाएगा।
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